भोपाल. मध्य प्रदेश में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हो गई है. मध्य प्रदेश नई एजुकेशन पॉलिसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मिंटो हॉल में शुभारंभ किया.सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर पढ़ने के बाद रोजी-रोटी नहीं कमा सके तो शिक्षा का क्या महत्व.आखिर ऐसी शिक्षा का अर्थ क्या है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर शिक्षा आजीविका प्रदान करने का सामर्थ्य न दे सके तो वह शिक्षा अधूरी है. ज्ञान का मतलब संपूर्ण ज्ञान है. हम बच्चों को बांध नहीं सकते. उन्होंने कहा कि राज्य में शोध ज्ञान फाउंडेशन की स्थापना होगी. प्रदेश की सारी यूनिवर्सिटी इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर काम करें, ताकि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिल सके. उन्होंने प्रदेश के कुलपतियों को नसीहत दी कि आप सभी सिर्फ यूनिवर्सिटी में कैद न रहें, कॉलेजों को मान्यता देने का काम न करें, बल्कि नई शिक्षा नीति को लेकर यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में क्या काम किया जाए, इसकी मॉनिटरिंग करें. यूनिवर्सिटी और संबद्धता वाले कॉलेजों का लगातार निरीक्षण करते रहें.
एमपी में शिक्षा का स्वर्णिम काल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा का यह स्वर्णिम काल है. शिक्षा से रोजगार और संस्कार भी जुड़े. बीच मे पढ़ाई छोड़ने पर स्टूडेंट्स को आगे की पढ़ाई की सुविधा मिलेगी. रिसर्च की सुविधा भी पढ़ाई के दौरान ही मिलेगी. चॉइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम, बहु संकाय की सुविधा नई शिक्षा नीति में दी जाएगी. क्रांतिकारियों को नई शिक्षा नीति में स्थान दिया है. उन्होंने कहा कि गौरवशाली अतीत को नई शिक्षा नीति के तहत युवाओं तक पहुंचाने की पहल शिक्षा नीति के तहत की गई है. शिक्षा नीति के तहत युवाओं तक पहुंचाने की पहल शिक्षा नीति के तहत की गई है. कॉलेजों में शिक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन साल 2035 तक 50 फीसदी बढ़ाने का लक्ष्य है.
क्या है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद अब प्रदेश में 1+2 का सिस्टम खत्म हो जाएगा. प्रदेश में 5+3+ 4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा. यानी किसी भी स्ट्रीम का स्टूडेंट कोई और सब्जेक्ट भी पढ़ पाएगा. अब स्टूडेंट की क्रेडिट ट्रांसफर हो सकेगी. एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में ट्रांसफर होने पर भी क्रेडिट ट्रांसफर हो सकेगी. स्टूडेंट्स के पास ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प रहेगा. ऑनलाइन सिलेबस से प्राप्त अंकों और ग्रेड को अंकसूची में प्रदर्शित किया जाएगा.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खासियत यह है कि बैचलर विद रिसर्च का 4 साल का कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मिलेगा. फर्स्ट ईयर से ही इंटर्नशिप की सुविधा स्टूडेंट्स को दी जा रही है. स्टूडेंट्स अगर किसी वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे बाद में भी जारी रख सकता है. 3 साल और 4 साल बैचलर विद रिसर्च के दो अलग-अलग डिग्री कोर्स शुरू किए गए हैं. ग्रेजुएशन 3 साल में ही कंप्लीट हो जाएगी. रिसर्च वाले स्टूडेंट्स को 4 साल का बैचलर कोर्स यह सुविधा दी गई है.