ये कैसा हाईवे…रोज हो रहे हादसे, हाल ही में विस्तारित किया गया है मार्ग

उज्जैन-आगर रोड़ का डिवाइडर मानक के मुताबिक नहीं, संकेतक भी खराब
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:वर्षों बाद उज्जैन आगर रोड़ का चौड़ीकरण कर हाईवे की तरह सड़क निर्माण किया गया है जिस पर प्रतिदिन हादसे हो रहे हैं। क्षेत्र के रहवासियों का कहना है कि ठेकेदार की गलती का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। उसने मानक के मुताबिक रोड निर्माण ही नहीं किया। खिलचीपुर नाका पुलिया से आगर तक पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा नवीन हाईवे का निर्माण कराया गया है।
इस रोड़ निर्माण से पहले सड़क के दोनों ओर से अतिक्रमण हटाकर चौड़ीकरण किया गया जिसके बाद रोड डिवाइडर बनाकर सोलर संकेतक आदि लगाये गये और आम लोगों के आवागमन के लिये इसे खोल दिया गया। लेकिन इस रोड पर प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिसका कारण हाईवे का निर्माण रोड़ मानक के मुताबिक नहीं किया गया है।
यह है डिवाइडर में गड़बड़ी
हाईवे पर आमतौर पर रोड़ डिवाइडर को सड़क के बीचोंबीच 2 फीट अथवा इससे अधिक चौड़ा बनाया जाता है। जिसमें पेड़-पौधे लगाने की जगह होती है। यदि संतुलन बिगडऩे से वाहन चालक डिवाइडर पर वाहन चढ़ा भी दे तो बड़ी दुर्घटना नहीं होती। इंदौर रोड़ हाईवे इसका उदाहरण है, जबकि उज्जैन आगर रोड़ के बीच बनाये गये डिवाइडर की चौड़ाई मात्र 1 फीट है।
इसमें ठेकेदार द्वारा एंगल लगाकर दोनों साइड को विभाजित किया गया है। अपनी साइड पर चलने वाले वाहन चालक की परेशानी यह है कि संतुलन बिगडऩे अथवा किसी विपरीत परिस्थिति में उसका वाहन डिवाइडर से टकराता है तो वह उछलकर दूसरी साइड पर तुरंत पहुंचकर बड़ी दुर्घटना का शिकार हो जाता है। इसी डिवाइडर पर के बीचोंबीच ठेकेदार ने सोलर ऊर्जा से चलने वाले संकेतक भी लगाये हैं। जो रात के समय बंद-चालू होते हैं। यह संकेतक मुख्य चौराहों और रोड के टर्न पर लगे हैं, लेकिन वर्तमान में डिवाइडर के बीच लगे अधिकांश संकेतक बंद हो चुके हैं।
लोग बोले… इससे तो पुरानी सड़क अच्छी थी
उज्जैन से आगर के बीच दर्जनों गांव पड़ते हैं जिनके रहवासी प्रतिदिन अपने दो पहिया और चार पहिया वाहनों से उज्जैन तक आवागमन करते हैं। सुरासा में रहने वाले गणेश परमार ने बताया कि मैं दूध का कारोबार करता हूं। प्रतिदिन सुबह शाम इसी मार्ग से उज्जैन आना जाना होता है। सुरासा से उज्जैन के बीच हर दूसरे दिन किसी न किसी वाहन की दुर्घटना देखने को मिल जाती है। ढाबला रैहवारी में रहने वाले मांगीलाल साहू ने बताया कि ठेकेदार ने रोड़ बनाने में बहुत गलतियां की हैं। ढाबला से उज्जैन के बीच अनेक अंधे मोड़, पुल पुलिया हैं। जहां पर वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं। चक-कमेड़ के महेश ने बताया कि रोड़ बनने के बाद से ही अधिकांश संकेतक बंद पड़े हैं। रोड़ डिवाइडर भी गलत बनाने के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं।









