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विधानसभा चुनाव: कांग्रेस का सीटवार सर्वे, टिकट का बनेगा आधार

टीम राहुल ने भौगोलिक जानकारी और आंकड़े कलेक्ट किए

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिले परिणाम से उत्साहित कांग्रेस ने वहां पर लागू किए फॉर्मूले पर मध्य प्रदेश में काम तेज कर दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कराए जा चुके एक सर्वे के बाद राहुल गांधी की टीम का सर्वे भी जल्द होने वाला है। इससे पहले टीम राहुल ने सीटवार भौगोलिक जानकारी और आंकड़े कलेक्ट किए है।

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विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा सीटवार अलग सर्वे कराया जा चुका है। वहीं ऐसी 66 सीट जहां कांग्रेस का लम्बे समय से सफलता नहीं मिली है,वहां पर कई चरणों का दौरा करने के बाद पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह अपनी रिपोर्ट बना कर कांग्रेस हाईकमान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप चुके है। इन सबके बीच राहुल गांधी की टीम प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर दो तरह से सर्वे करने वाली है।

सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर प्रत्याशी के नाम पर सहमति बनाकर टिकट देने के फॉर्मूले से कांग्रेस को कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारी सफलता मिली थी। इनमें मुद्दों के साथ-साथ स्थानीय परिस्थितियों को भी शामिल किया गया था। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारी और सर्वे को कर्नाटक और हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी सफलता जोड़ा जा रहा है।

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राहुल पर्सनल टीम और एजेंसी का सर्वे

प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार चुनाव में प्रदेश के मुद्दे और उम्मीदवार चयन को लेकर राहुल गांधी की पर्सनल टीम के अलावा एक अन्य एजेंसी सर्वे करने वाली है। प्रथम चरण में टीम और एजेंसी के कुछ सदस्य विधानसभा वार भौगोलिक जानकारी,आंकड़े बीते चुनाव के परिणाम के साथ सर्वे विश्लेषण के तथ्यों को जुटाकर ले जा चुकी है। सर्वे टीम में कौन लोग शामिल हैं, यह किस से जाकर मिलने वाले हैं, इनके सर्वे का आधार क्या होगा? यह जानकारी किसी को भी नहीं रहने वाली है। सर्वे पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग पर्सनली राहुल गांधी और कमलनाथ के उनके विश्वस्त करने वाले है।

बहुत कुछ देखा जाएगा सर्वे में. इसी आधार पर टिकट वितरण

टीम द्वारा प्रदेश में 2 तरह के किए जाएंगे। यही टिकट वितरण का आधार बनेंगे। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में चुनाव पूर्व हुए सर्वे के अनुभव के आधार पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सर्वे टीम और एजेंसी संभावित प्रत्याशी,दावेदार के बारे में उसकी सामाजिक सक्रियता, विधानसभा सीट में छवि, पिछले चुनाव में हार-जीत का अंतर, विधानसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण को देखने के साथ ही यह भी देखती है कि कांग्रेस पार्टी नेता के अलावा और किसे टिकट दिया जा सकता है। टीम हर क्षेत्र में ऐसा चेहरा तलाश करती है, जो भले आर्थिक रूप से कमजोर है, लेकिन सामाजिक स्तर पर सक्रियता कि साथ अपने क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रखता है। इन चेहरों में सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक या रिटायर्ड अधिकारी शामिल हैं। जो सर्वे किया जा रहा है उसमें आने वाले नाम पर सहमति बनाकर टिकट फाइनल किया जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि कमलनाथ की सहमति से ही घोषणा की जाएगी।

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