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सावधान… फर्जी डॉक्टर बन सकते हैं इज्जत के साथ जान के दुश्मन…

CMHO कार्यालय निर्देश मिलने पर ही करता है कार्रवाई

क्लिनिक खोलने के क्या हैं नियम ?

उज्जैन।मरीज और उनके परिजन डॉक्टर को भगवान मानते हैं और उन्हें उतनी ही इज्जत देने के साथ भरोसा भी करते हैं, लेकिन कुछ धोखेबाज रूपयों की खातिर डॉक्टरों के पेशे को भी बदनाम करने से पीछे नहीं हट रहे।

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तीन दिन पहले नागझिरी थाना क्षेत्र में ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें झोलाछाप डॉक्टर द्वारा महिला को नशे का इंजेक्शन लगाकर उसके साथ न सिर्फ दुष्कर्म किया गया बल्कि उसकी अश्लील वीडियो बनाकर ब्लेकमेल भी किया। हालांकि पुलिस ने झोलाछाप को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, लेकिन सीएमएचओ कार्यालय को पूरे मामले की भनक तक नहीं लगी।

सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा क्लिनिक, नर्सिंग होम, अस्पताल, पैथालॉजी लैब खोलने से पूर्व ऑनलाइन आवेदन यह व्यवस्था करना होता है। ऐलोपैथी, हौम्यापैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सा सहित सभी विधाओं पर लागू होती है।

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आवेदन सीएमएचओ कार्यालय पहुंचता है जहां डाक्यूमेंट चैक करने के साथ ही स्थान का निरीक्षण और संबंधित से चर्चा की जाती है। शासन के मापदंड के अनुरूप पाये जाने पर ही रजिस्ट्रेशन किया जाता है। जिसकी खास बात यह है कि क्लिनिक या अस्पताल खोलने पर उसके बोर्ड पर रजिस्ट्रेशन नंबर भी सार्वजनिक करना अनिवार्य है।

बिना सर्टिफिकेट के कर रहे उपचार

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शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक लोग बिना डिग्री या सार्टिफिकेट के क्लिनिक संचालित कर रहे हैं। ऐसे क्लिनिक संचालकों द्वारा जटिल बीमारियों का ग्यारंटी से उपचार का झांसा देकर लोगों से रूपये ऐंठे जाते हैं। नागझिरी थाना क्षेत्र के आदर्श नगर में रहने वाले रिजवान अली पिता अजहर अली का सामने आया है।

रिजवान ने क्लिनिक पर उपचार कराने आई महिला को नशीला इंजेक्शन लगाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल भी किया। नागझिरी थाना प्रभारी ने बताया कि रिजवान को गिरफ्तार कर लिया है, उसके पास क्लिनिक खोलने या उपचार करने का कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है।

बिना रजिस्ट्रेशन क्लिनिक चलाना गैर कानूनी

शासन द्वारा निर्देश प्राप्त होने पर झोलाछाप डॉक्टरों के क्लिनिक की जांच की जाती है। बिना रजिस्ट्रेशन क्लिनिक चलाना गैर कानूनी है। रजिस्ट्रेशन नंबर बोर्ड पर डिस्प्ले करना अनिवार्य है। आवेदन प्राप्त होने पर सीएमएचओ कार्यालय की टीम डॉक्यूमेंट चेक करती है। अजय रामपुरे, प्रायवेट नर्सिंग होम शाखा प्रभारी

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