हनुमान जयंती की तारीख से लेकर शुभ मुहूर्त और महत्व…

By AV News

हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा का बड़ा महत्व है. मंगलवार के दिन संकटमोचक बजरंगबली की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इसके साथ ही चैत्र पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्मोत्सव यानी हनुमान जयंती मनाई जाती है. इस दिन भगवान श्रीराम के साथ ही उनके परम भक्त हनुमान जी की पूजा अर्चना की जाती है. उनके प्रिय भोग लगाएं जाते हैं. पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के पांच दिन बाद हनुमान जी का अवतरण हुआ था. इस शुभ अवसर पर हर साल चैत्र पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. आइए जानते हैं हनुमान जयंती की तारीख से लेकर शुभ मुहूर्त और महत्व…

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 12 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी. चैत्र माह की पूर्णिमा 12 अप्रैल को देर रात 3 बजकर 21 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 51 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि को देखते हुए चैत्र पूर्णिमा पर गंगा स्नान किया जाएगा. साथ ही हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा. बजरंगबली की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी. इससे संकटमोचक भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देंगे.

हनुमान जयंती का महत्व

हनुमान जयंती के दिन मंदिर जाकर हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल और बेसन के लड्डू जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी शुभ होता है। इसके साथ ही इस दिन रामायण, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करना भी लाभदायक माना जाता है। हनुमान जयंती के दिन भगवान राम और माता सीता की भी पूजा करें। बिना राम जी की पूजा के बजरंबली की आराधना अधूरी मानी जाती है।

हनुमान जयंती पूजा विधि-

हनुमान जयंती के दिन खास तरीके से पूजा की जाती है।

– सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। अब पूजा स्थल को साफ करें।

– मंडप स्थापना करने के लिए एक लकड़ी की चौकी पर स्वच्छ पीला कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान हनुमान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

– दीप प्रज्वलन के लिए घी या तेल का दीपक जलाएं।

-.अब भगवान गणेश का स्मरण करके पूजा का संकल्प लें और भगवान हनुमान का आह्वान करें।

– फिर भगवान हनुमान की मूर्ति का पवित्र जल, कच्चे दूध, शहद, घी और दही से अभिषेक करें। इसके बाद मूर्ति को साफ कपड़े से पोंछ लें।

– इसके बाद मूर्ति पर चंदन, इत्र और सिंदूर लगाएं। उन्हें लाल या केसरिया वस्त्र पहनाएं और जनेऊ अर्पित करें।

– भगवान हनुमान को लाल फूल, गुड़, चना और फल अर्पित करें।

– मंत्र जाप और हनुमान चालीसा पाठ का पाठ करें। आप “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप कर सकते हैं।

– हनुमान जी की आरती करें और भक्ति गीत गाएं।

– अंत में प्रसाद ग्रहण करें और दूसरों में बांटें।

श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान जयंती की पूजा करने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शक्ति, साहस एवं समर्पण की भावना बढ़ती है।

हनुमान जयंती के दिन क्या न करें?

जहां एक ओर हनुमान जन्मोत्सव के दिन कई धार्मिक कार्य करना शुभ माना जाता है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं हनुमान जयंती के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.

हनुमान जयंती के दिन काले या सफेद कपड़े पहनने से बचें. पवनपुत्र का पसंदीदा रंग लाल या केसरिया माना जाता है. ऐसे में इस दिन लाल या नारंगी कपड़े पहनने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं.

महिलाओं को बजरंगबली की पूजा करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि पवनपुत्र ब्रह्मचारी हैं. उनकी मूर्ति को स्पर्श न करें.

हनुमान जी की पूजा करते समय उन्हें पंचामृत का भोग बिलकुल नहीं लगाना चाहिए .

हनुमान जयंती के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए और न ही किसी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करना चाहिए.

इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सात्विक भोजन ग्रहण करें.

इस दिन बंदरों को परेशान ना करें, अगर आपके घर में बंदर आएं तो उन्हें मारे या भगाएं नहीं.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *