हरसिद्धि मंदिर की दीपमालिकाएं अब हाइड्रोलिक सिस्टम से होंगी रोशन

By AV NEWS

कलेक्टर ने बदला प्रबंधक, नए प्रोजेक्ट की तैयारी शुरू

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन देश के शक्तिपीठ मंदिरों में से एक हरसिद्धि मंदिर परिसर स्थित दो दीपमालिकाओं के दीप हाइड्रोलिक सिस्टम से प्रज्वलित किए जाएंगे। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निर्देश पर मंदिर के नए प्रबंधक तहसीलदार दिनेश सोनी इसकी तैयारी शुरू करेंगे।

हरसिद्धि मंदिर के खजाने में करीब तीन करोड़ रुपए जमा हैं। अगले महीने 15 अक्टूबर से शुरू होने वाली नवरात्रि में देशभर के श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम इस मंदिर के विकास पर फोकस कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने मंदिर प्रबंधक का जिम्मा तहसीलदार दिनेश सोनी को सौंपा है।

कई दिनों से प्रबंधन में बदलाव की कवायद की जा रही थी। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम एसएन गर्ग ने तहसीलदार दिनेश सोनी को प्रबंधक बनाया है। आदेश जारी हो चुका है और सोनी द्वारा प्रभार लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रभार लेने के बाद हाइड्रोलिक सिस्टम से दीपमालिकाएं प्रज्वलित करने का प्रोजेक्ट धरातल पर लाया जा सकता है।

मंदिर का नए सिरे से बन रहा रिकॉर्ड…

चार्ज लेने से पहले तहसीलदार सोनी ने अब तक के रिकॉर्ड की लिस्ट तैयार करने को कहा है। दीप स्तंभ प्रज्वलित करने के लिए अब तक कितनी बुकिंग हो चुकी और कितना कहां से दान आ चुका, इसकी पूरी लिस्ट तैयार हो रही। रिकॉर्ड अपडेट होने के बाद ही वे चार्ज संभालेंगे। इस लिस्ट में कई नई जानकारियां सामने आने की संभावना है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर मंदिर की व्यवस्था और प्रबंधन से नाराज चल रहे थे। अब तक प्रबंधक रहे अवधेश जोशी एक साल पहले ही प्रशासन को त्याग पत्र दे चुके हैं।

सदियों से दीप प्रज्वलित करते हैं एक्सपर्ट सेवक

मंदिर परिसर में 41 और 42 फीट ऊंचे दो दीप स्तंभ हैं।

दोनों स्तंभों में 1101 दीप हैं, जिन्हें प्रज्वलित करने में करीब एक घंटा लगता है।

मंदिर से जुड़े एक्सपर्ट सेवक इन दीपों में तेल भरकर जलाते हैं।

पहले स्तंभ साफ किए जाते हैं फिर दीपकों में तेल भरा जाता है।

एक एक दीपक को जलती मशाल से जलाया जाता है।

यह काम जोखिम भरा होता है। तेल के कारण स्तंभ चिकने हो जाते हैं।

मंदिर समिति इन एक्सपर्ट कर्मचारियों को मानदेय देती है।

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