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हेल्थ इंश्योरेंस : ‘कोरोना कवच में मिलता है 5 लाख रुपए तक का बीमा कवर, घर पर इलाज का खर्च भी देगी बीमा कंपनी

कोरोना कवच पॉलिसी और आम इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या अंतर है?

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नई दिल्ली। इंश्योरेंस रेगुलेटरी इरडा ने कोरोना महामारी को देखते हुए बीमा कंपनियों को 31 मार्च 2022 तक के लिए नई कोरोना कवच पॉलिसी बेचने और पुरानी पॉलिसी को रिन्यू करने की इजाजत दी है। कोरोना कवच पॉलिसी को कोरोना काल में लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखकर जुलाई 2020 में लॉन्च किया गया था। अगर आप भी कोरोना के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेने का प्लान बना रहे हैं तो ‘कोरोना कवच’ पॉलिसी आपके लिए सही रहेगी। हम आपको इस पॉलिसी के बारे में बता रहे हैं।

कोरोना कवच पॉलिसी के लिए इंश्योरेंस की राशि न्यूनतम 50 हजार रुपए और अधिकतम 5 लाख रुपए (50,000 रुपए के मल्टिपल में) है। इंश्योरेंस की अवधि कम से कम 3.5 महीने, 6.5 महीने और 9.5 महीने हो सकती है। इसमें मूल कवर का प्रीमियम 500 से 6 हजार रुपए रहेगा।

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एक्सपर्ट महावीर चोपड़ा कहते हैं कि कोरोना कवच पॉलिसी में सिर्फ कोरोना होने पर ही इलाज का खर्च कवर होता है। वहीं जनरल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोरोना के साथ अन्य बीमारी होने पर भी आपको कवर मिलता है। इसीलिए जनरल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम कोरोना कवच पॉलिसी की तुलना में ज्यादा है। अगर आप सिर्फ कोरोना महामारी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो ये एक बढिय़ा ऑप्शन है।

2 से 5 लाख तक का कवर है पर्याप्त
कोरोना के इलाज का औसत खर्च 2.50 लाख के करीब आ रहा है। ऐसे में कोरोना के इलाज के लिए 2 से 5 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर काफी है। ऐसे में कोरोना कवच कोरोना होने पर आपको सही इलाज दिला सकने में मदद कर सकता है। अगर आपका कोरोना बीमारी का इलाज घर पर चल रहा है, तो इसमें हेल्थ की मॉनिटरिंग और दवाइयों का खर्च 14 दिन तक के लिए कवर होता है।

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