अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शुभ कार्यों पर एक माह से लगा खरमास का ब्रेक 14 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद फिर से शादी की शहनाइयां गूंजेंगी और गृह प्रवेश, सगाई, मुंडन जैसे मंगल कार्यों की शुभ शुरुआत होगी। सनातन धर्म में यह मान्यता है कि खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है इसलिए इस दौरान मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। दरअसल, 14 मार्च से खरमास की शुरुआत हुई थी जिसके चलते विवाह समारोह एवं अन्य शुभ कार्यों पर एक माह का ब्रेक लग गया था। 14 अप्रैल को इसका समापन होगा जिसके बाद से एक बार फिर विवाह समारोह के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। जिन घरों में विवाह समारोह होने हैं उन्हें भी खरमास के खत्म होने का बेसब्री से इंतजार है।
वर्ष में दो बार आता है खरमास
ज्योतिषाचार्य पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास के मुताबिक खरमास वर्ष में दो बार आता है। पहला जब सूर्य धनु राशि में होता है। दूसरा जब सूर्य मीन राशि में आता है। इस दौरान सूर्य का पूरा प्रभाव यानी तेज पृथ्वी के उत्तरी गोलाद्र्ध पर नहीं पड़ता। सूर्य की इस कमजोर स्थिति के कारण ही पृथ्वी पर इस दौरान मांगलिक और शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं की जाती।
किस माह में कितने मुहूर्त
अप्रैल :- 14, 16, 18, 19, 21, 25, 26, 29, 30
मई :- 1, 5, 6, 7, 8, 9, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 28
जून :- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10
6 जुलाई को देवशयनी एकादशी
6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। सनातन धर्म में इसका विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और 4 माह बाद देवउठनी एकादशी पर जागते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी धूमधाम से मनाई जाएगी। इसके साथ शुभ कार्यों पर लगा ब्रेक हट जाएगा और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी।