60 कंटेनर में चल रहा है भारत जोडो यात्रा का कारवां

By AV NEWS

सुबह से रात तक की दिनचर्या तय…

नियम-पालन की अनिवार्यता

उज्जैन।भारत जोड़ो यात्रा का कारवां 60  कंटेनर में चल रहा है। यात्रा की प्लानिंग से लेकर भोजन और सभी गतिविधियों को राहुल की टीम ही देख रही है।

भारत यात्रियों के साथ ही अतिथि यात्रियों को यात्रा के लिए बने नियम पालन की अनिवार्यता हैं। भारत जोड़ो यात्रा में स्थानीय कार्यक्रमों और गतिविधियों को छोड़कर सबकुछ तय है। यात्रा में किसी तरह का बदलाव उच्च स्तरीय मंथन के बाद ही होता है।

भारत जोड़ो यात्रा का आगमन 29 को होगा। अभी तक के शेड्यूल के अनुसार उज्जैन में यात्रा का पड़ाव २९ की रात के साथ ही 30 को पूरे दिन और रात को रहेगा। यात्रा 1 दिसंबर सुबह आगर जिले के लिए रवाना होगी। भारत जोड़ो यात्रा कुल 111 भारत यात्री शामिल है। भारत यात्री वे लोग,जो 3570 किमी की यात्रा राहुल गांधी के साथ पैदल पूरी करेंगे। इनमें 32 महिलाएं भी है। इन यात्रियों का चयन ४ कांग्रेस नेताओं की पैनल ने किया है। 2 राउंड में इंटरव्यू लिए गए।

यात्रियों को सादगीपूर्ण तरीके से रहने के लिए कहा

कांग्रेस ने यात्रा से जुडऩे वाले लोगों के लिए कुछ नियम बनाए हैं, जो इस प्रकार हैं। यात्रियों को सादगीपूर्ण तरीके से रहने के लिए कहा गया है। इसके अलावा यात्रा में सफेद कपड़े ही पहनने के लिए कहा गया है। यह नियम भारत यात्रियों के साथ ही प्रदेश यात्रियों और अतिथि यात्रियों पर भी लागू हैं। यात्रियों से यह अपेक्षा की गई है कि वे यात्रा के दौरान लग्जरी, सुख-सुविधाओं और विशेष आवभगत की उम्मीद ना करें।

सुबह से रात तक की दिनचर्या….

फिजिकल टेस्ट भी हुआ। एक घंटे में 6 किमी चलाकर देखा गया। 50 हजार आवेदनों में सिर्फ 111 का सिलेक्शन हुआ। सभी का बैकग्राउंड वेरिफिकेशन भी कराया गया।

नो नॉनवेज, शराब और स्मोकिंग

यात्रा के दौरान खाने, बिस्तर की सुविधा सहित दूसरी चीजों को लेकर शिकायत करने की मनाही है। यात्रा में शामिल होने वालों के लिए भोजन वगैरह की व्यवस्था भी पहले से तय कर दी गई है। यात्रियों को सिर्फ शाकाहारी भोजन उपलब्ध होता है। यात्रा में शामिल लोगों को मांसाहारी भोजन, शराब और स्मोकिंग से परहेज करना है।

250 लोगों का लॉजिस्टिक स्टॉफ

भारत यात्रियों के लिए एक अलग किचन टीम है, जो खाना नाश्ता तैयार करती है। यह टीम साथ ही चल रही है। जिसमें कुक, शेफ, प्रबंधक और सुपरविजऩ की टीम होती है। यात्रा के काफिले में लगभग 250 लोगों का लॉजिस्टिक स्टाफ है, जो साफ-सफाई, हाउसकीपिंग, भोजन, लॉन्ड्री, जेनरेटर की व्यवस्था देखता है। ड्राइवर भी इसमें शामिल हैं। एक टीम पड़ाव के कुछ दूरी पर खाना तैयार करती है।

एक पिकअप वेन में उसे यात्रा के रुकने वाले स्थान तक पहुंचाया जाता है। दूसरी टीम भोजन खिलाने का काम करती है। एक दिन काम करने वाली टीम दो दिन आराम करती है। ऐसी ६ टीम हैं। हर टीम में ३० से ३५ लोग है। इनका क्रम बदलता रहता है। यहीं ६ टीम श्रीनगर तक खाने का काम देखेंगी। खाने में क्या बनेगा पहले बता दिया जाता है। क्या बनेगा यह कमेटी तय करती है।

यह है दिनचर्या

सुबह 4 से 4:30 के बीच उठना

सुबह 6:30 बजे नाश्ता

सुबह 7 बजे यात्रा प्रारंभ

सुबह 10 बजे पहल ब्रेक

दोपहर 12:30 बजे भोजन

दोपहर 1 से 3 चर्चा, मुलाकात

दोपहर 3 बजे आराम

शाम 4 बजे यात्रा का दूसरा चरण

दोप. का खाना रास्ते में, रात को कैंप में दो फूड वैन यात्रा में चल रही है। एक स्थान पर भोजन के बाद वैन अगले पाइंट पर निकल जाती है। दोपहर का खाना सुबह की यात्रा के पहले ब्रेक पर रास्ते में होता है। इसके लिए किसी आश्रम, स्कूल या सामुदायिक भवन का चयन होता है। 119 यात्रियों व स्टेट गेस्ट का भोजन उनके साथ चल रही टीम बनाती है। टीम द्वारा तैयार भोजन को सुरक्षाकर्मी पहले चखते है, इसके बाद ही राहुल और उनके साथ के यात्रियों को परोसा जाता हैं। रात के समय सभी के लिए खाना नहीं बनाता है।

यात्रा में अलग-अलग राज्यों के लोग चल रहे है, इसलिए कोई मेन्यू नहीं बस ध्यान रखा जाता है कि प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट खाने में जरूर शामिल हो। रहने के लिए उम्र के हिसाब से कंटेनर भारत जोड़ो यात्रा में चार तरह के 60 कंटेनर है। चार कंटेनर राहुल और उनके स्टॉफ है।

4 बेड वाले कंटेनर 40 साल से अधिक उम्र वाले लोगों और महिलाओं के लिए है। 30 से 40 साल से तक के लोगों के लिए 6 बेड वाले कंटेनर है। कुछ कंटेनर में अटैच वॉशरुम भी है। हर कंटेनर में बेड, मोबाइल चार्जिंग पाइंट, विंडो एसी और लाइट लगी है। बेड के नीचे सामान रखने के लिए कैबिनेट बनी है।

कंटेनर में ऐसा अरेंजमेंट है कि सभी यात्री अलग-अलग राज्यों के हो। कंटेनर के अलावा मूविंग वॉशरुम भी है। सुबह यात्रा प्रारंभ होने के बाद कंटेनर लॉक करके अगली लोकेशन पर भेज दिए जाते हंै। हर शाम दो एकड़ में नया गांव बसता है और सुबह समेट दिया जाता है। गांव को बसाने में पांच घंटे लगते हैं, वहीं उखाडऩे में लगभग ढाई घंटे।

झंडा वंदन में शामिल होना जरूरी

सुबह यात्रा प्रारंभ होने से पहले सभी यात्रियों के लिए झंडा वंदन में शामिल होना जरूरी है। इसके लिए हर हाल में यात्री को 4:30 तक कंटेनर छोडऩा पड़ता है। लेट होने पर झंडा वंदन में एंट्री नहीं दी जाती है।

राहुल दिनचर्या टाइम-टू-टाइम

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दिनचर्या सुबह 4.30 से लेकर रात 10 बजे तक टाइम-टू-टाइम चलती है। राहुल सुबह 4.30 बजे उठकर योगा करते हैं। सुबह 6 बजे तैयार सेवादल के सदस्यों के साथ झंडा वंदन करते हैं। सुबह ७ बजे यात्रा शुरू होती है। लगभग 13 से 15 किमी पैदल चलने के बाद यात्रा का दिन का पहला पड़ाव सुबह 10 बजे होता है। यहां से लंच पॉइंट पर भारत जोड़ो यात्रियों के साथ राहुल भोजन करते हैं।

लगभग एक घंटा आगे की यात्रा एवं अन्य कार्यक्रमों पर स्थानीय समन्वयक एवं प्रदेश के नेताओं से चर्चा करते हैं। इसके बाद यदि आगे कोई कार्यक्रम तय होता है तो वे जाते हैं। अन्यथा अपने कंटेनर में आराम करते हैं। दिन के दूसरे पड़ाव की यात्रा शाम 4 बजे तय स्थान से शुरू होती है।

लगभग 10 किमी चलने के बाद यात्रा का समापन शाम 7 बजे नुक्कड़ सभा या अन्य कार्यक्रम के साथ होता है। इसके बाद राहुल एवं सह-यात्री वाहनों से रात्रि विश्राम स्थल पहुंचते हैं। जहां पर भोजन के बाद रात को कंटेनर मैं आराम के लिए चले जाते है।

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