Advertisement

45/84 महादेव : श्री त्रिलोचनेश्वर महादेव मंदिर

त्रिलोचनकथामेतां श्रुत्वा पापन्वितोप्यहो।
विपापो जायते मञ्र्यो लभते च परां गतिम्।।

(अर्थात- अहा! इस लिंग की कथा को सुनने वाले निष्पाप हो जाता है तथा उसे परम गति मिलती है।)
यह मंदिर नयापुर क्षेत्र से आगे नामदारपुरा की ओर जाते हुए मुख्य चौराहे के बाद पहली दाईं गली के सामने स्थित है। स्टील गेेट व रैलिंग लगे दालान के पहले बाईं ओर पृथक मंदिर में ऋद्धि-सिद्धि सहित गणेशजी की सिंदूरचर्चित मूर्ति स्थापित है। मुख्य मंदिर का प्रवेश द्वार करीब ४.६ फीट ऊंचा है। साढ़े तीन फीट चौड़ी जलाधारी पीतल निर्मित है जिसके मध्य करीब ८ इंच ऊंचा नाग से आवेष्ठित लिंग है जिस पर पांच फणों वाला नाग छाया किये है।
वहीं साढ़े तीन ऊंचा त्रिशूल गड़ा है जिस पर डमरू लगा है, ऊं की आकृति है तथा शिवलिंग पर तांबे की जलहरि है। फर्श मार्बल का व दीवारें टाइल्स की हैं। सामने काले प्रस्तर के नंदी की प्रतिमा है जिस पर सफेद पेंट कर दिया गया है। दीवारों के ताख पर गणेश, पार्वती व कार्तिकेय की प्रतिमाएं स्थापित हैं।

लिंग माहात्म्य की कथा-

महादेव ने पार्वती को त्रिलोचनदेव के इतिहास प्रसिद्ध प्रासाद की कथा सुनाई। वहां एक कबूतर का जोड़ा अपने पंखों से प्रासाद की धूल उड़ाकर साफ कर देता था। वह शिवलिंग पर चढ़े अक्षत के दाने खाकर तथा पानी पीकर सुखी रहते, दिन-दिन भगवान की जय-जयकार सुनते। एक दिन एक बाज ने उनका घौंसला ध्वस्त कर दोनों को खा जाने का मन बनाया।
कबूतरी ने यह भांपकर कबूतर को सावधान कर दिया। मौका पाकर बाज कबूतर को ले उड़ा, कबूतरी ने बाज को जोर से काटने का संकेत दिया। ऐसा करने पर कबूतर छूट गया। वह जम्बूद्वीप में गिरा तथा मर गया। पूण्य शेष रहने पर वह परिमल गन्धर्व के रूप में पैदा हुआ तथा वह कबूतरी भी नाग पुत्री बनी किंतु त्रिलोचनेश्वर के प्रति आस्था होने से वह यहां पूजन-अर्चन करती रही।
एक बार अपनी सहेलियों से उसने त्रिलोचनेश्वर के दर्शन कर मदार नामक गंधर्व के पुत्र परिमल की पत्नियां बनकर जीवन सफल करो। स्वप्न में शिवजी के इस वरदान को सुनकर रत्नावली ने इस लिंग का पूजन-अर्चन करते हुए सहेलियों सहित गंधर्वराज परिमल को पति रूप में ग्रहण कर अपने जीवन को सफल बनाया।

फलश्रुति-

इनके दर्शन मात्र से सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इस लिंग की कथा को सुनने वाला निष्पाप हो जाता है तथा उसे परम गति मिलती है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

Advertisement

Related Articles