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लापरवाही बरतने पर मध्यप्रदेश सरकार की 176 गोदामों पर बड़ी कार्रवाई

उज्जैन के 18 से अधिक गोडाऊन ब्लैक लिस्टेड, उपार्जन केंद्र भी नहीं बनेंगे….

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन खाद्यान्न संग्रहण में लापरवाही बरतने वालों गोदामों पर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मप्र के 176 गोदामों को ब्लैक लिस्टेड किया है। इसमें उज्जैन जिले के १८ से अधिक गोदाम है। यह कार्रवाई कीट लगा खाद्यान्न रखने और सेंट्रल पूल में देने से आनाकानी करने  पर हुई है। इसके बाद ब्लैक लिस्टेड गोदामों में अब न तो इनमें खाद्यान्न रखा जाएगा और ना ही इन्हें उपार्जन केंद्र बनाए जाएंगे।

 

प्रदेश में मार्च के अंतिम सप्ताह से गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी होनी है। 100 लाख मीट्रिक टन खरीदी के हिसाब से तैयारियां की जा रही हैं, पर 176 गोदामों पर न तो उपार्जन होगा और न ही इनमें गेहूं का भंडारण किया जाएगा। कीट लगा खाद्यान्न रखने, सेंट्रल पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम को खाद्यान्न देने में आनाकानी करने, समय पर न खोलने सहित अन्य गड़बडिय़ों के कारण सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 176 गोदामों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। जबलपुर के गोदामों में गुणवत्ताहीन धान पाए जाने के मामले को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

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पिछले दिनों उपार्जन नीति को लेकर आयोजित बैठक में भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों ने बताया था कि कुछ गोदाम संचालकों द्वारा सेंट्रल पूल में खाद्यान्न का उठाव करने में अवरोध उत्पन्न किया गया। गोदामों को समय पर नहीं खोला, पहुंच मार्ग को जानबूझकर खराब किया और कीटोपचार नहीं किया गया। परिणाम यह हुआ कि गोदामों में रखा खाद्यान्न कीटग्रस्त हो गया।

ब्लैक लिस्टेड किए गए गोदाम…

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उज्जैन जिला
चंदप्रभा, भवानी, नफीस, बालाजी, मंगलमूर्ति, यारदा, रिद्धि सिद्धी, राम बा, श्रीराम, चामंडेश्वरी, मधुसूदन, चंद्रावत, सदगुरु, रूद्र और महाकालेश्वर, शारदा, मां आशापुर और वैष्णव साइलो।

इंदौर जिला
तुलसी नारायण गर्ग साइलो, ज्योति मिल, लक्ष्य, रघुवंश एग्रो फूड साइलो।

भोपाल
मूलचंद, ज्ञानवी, गिरिधर, बीएम और राजेश्वरी वेयरहाउस।

जबलपुर
स्पर्श, बेनी माधव, मां विद्या, राधिका, अन्नपूर्णा, नसीम एंड संस, शिवेरी, श्री सरस्वती, श्रीकृष्ण, वीके और नर्मदा एग्रो लाजिस्टिक्स।

सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर दी सूचना…

निगम ने ऐसे गोदामों की सूची देते हुए इनमें उपार्जन केंद्र न खोलने और भंडारण नहीं करने के लिए निर्देशित किया था। इस आधार पर राज्य भंडार गृह निगम ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा कि वर्ष 2024-25 में गेहूं उपार्जन के दौरान उन गोदामों में न तो उपार्जन केंद्र खोले जाएं और न ही भंडारण किया जाए, जिन पर भारतीय खाद्य निगम ने आपत्ति जताई गई है। दरअसल, सेंट्रल पूल में समय पर परिदान न होने से खाद्यान्न के खराब होने की आशंका होती है और उसका पूरा वित्तीय भार राज्य सरकार के ऊपर आता है।

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