चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हिंदू धर्म की बेहद पुण्य तिथियों में से एक माना जाता है क्योंकि इस तिथि को ही मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाने वाले भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को राम नवमी के रूप में जाना जाता है. इसके साथ ही, इस दिन माता दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा के साथ ही नवरात्रि का समापन भी होता है. यानी इस दिन आदिशक्ति माता दुर्गा और आदिपुरुष प्रभु श्रीराम दोनों का आशीर्वाद इस दिन भक्त पा सकते हैं.
साल 2024 में रामनवमी 17 अप्रैल बुधवार के दिन पड़ रही है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:04 से दोपहर 1:35 तक है. ऐसे में पूजा के लिए कुल 2 घण्टे 35 मिनट का समय मिलेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवमी तिथि 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 1:23 से शुरू होगी और अगले दिन 17 अप्रैल की दोपहर 3:14 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 17 अप्रैल को ही राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा.
राम नवमी 2024 पूजा मुहूर्त
राम नवमी के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद प्रभु श्रीराम का ध्यान करें और उनकी पूजा-अर्चना करें. पंचांग के अनुसार 17 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 4 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 35 मिनट का समय पूजा के लिए बेहद शुभ है.
राम नवमी का महत्व
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था इसलिए ही इस तिथि को राम नवमी कहा जाता है. भगवान श्रीराम ने अपने चरित्र, प्रजा के प्रति अपनी निष्ठा, वचनों को निभाने के दृढ़संकल्प और मर्यादित रहकर पुरुषोत्तम का दर्जा पाया था. इसीलिए भगवान राम आदिपुरुष भी कहे जाते हैं. राम भर्तों के लिए इस दिन का खास महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि राम नवमी के दिन राम नाम जपने, रामायण पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. धार्मिक मान्यता है कि राम नवमी के दिन प्रभु राम की पूजा करने से व्यक्ति के हर दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और भगवान राम का आशीर्वाद मिलता है.
राम नवमी पर करें इस मंत्र का जाप
रामनवमी के दिन राम रक्षा मंत्र‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्री नमः’ का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इससे प्रभु राम के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.
राम नवमी पर बन रहा है शुभ योग
इस वर्ष राम नवमी के दिन बेहद ही शुभ योग बन रहा है. यह योग है रवि योग. रवि योग को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस योग को बेहद शुभ भी कहा जाता है. इस योग में सूर्य का प्रभाव होता है इसीलिए इस योग में पूजा करने पर माना जाता है कि कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. रवि योग में धर्म-कर्म और पूजा-पाठ बेहद फलदायी माने जाते हैं.
राम नवमी की पूजा-विधि
इस दिन श्रीराम की पूजा करने के लिए सबसे पहले चौकी सजाई जाती है और उसमें श्रीराम के साथ-साथ माता सीता, लक्ष्मण और बजरंगबली की प्रतिमा स्थापित की जाती है. जल अर्पित किया जाता है और फिर चंदन, रोली, अक्षत, फूल व फल आदि एक-एक करके अर्पित किए जाते हैं. भोग लगाया जाता है. राम रक्षा स्त्रोत, श्रीराम चालीसा और रामायण (Ramayana) की चौपाइयों का पाठ करना इस दिन बेहद शुभ होता है.