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महाकाल लोक के लिए 2 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की तैयारी

तकिया मस्जिद क्षेत्र की जमीन का राजस्व विभाग ने किया सर्वे

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अब पीडब्ल्यूडी करेगा मकानों का सर्वे, तय होगा मुआवजा

 

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकाल लोक का विस्तार करने की तैयारी तेज हो गई है। त्रिवेणी संग्रहालय के पास 2 हेक्टेयर जमीन पर और विकास कार्य किए जाएंगे। तकिया मस्जिद क्षेत्र की जमीन का राजस्व विभाग द्वारा सर्वे पूरा किया जा चुका है। अब लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) जमीन पर बने मकानों का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट देगा, जिससे तय होगा की किसे कितना मुआवजा देना है।

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त्रिवेणी संग्रहालय के पास महाकाल लोक में फेस 2 योजना के कामों को रफ्तार दी जाना है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा संग्रहालय के पास तकिया मस्जिद क्षेत्र की करीब पौने दो हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का आदेश दे चुका है। सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद मकानों के सर्वे का काम चल रहा है।

कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व विभाग द्वारा पिछले दो माह से चल रहा सर्वे पूरा हो गया है। इसमें 255 से अधिक मकान सामने आए हैं, जिनको मुआवजा देकर हटाया जाएगा। अब पीडब्ल्यूडी के सर्वे के बाद यह तस्वीर साफ होगी कि इस जमीन के बदले सरकार को कितना पैसा मुआवजे पर खर्चा करना है। सूत्रों के अनुसार कुछ लोगों ने पहले किए गए सर्वे पर आपत्ति ली थी कि उनकी जमीन का एरिया गलत दर्ज हो गया। किसी ने अच्छा मकान बना होने की बात भी कही थी। धारा चार के प्रकाशन बाद ये आपत्तियां आने पर दोबारा सर्वे किया गया।

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जमीन पर 1 होटल और 256 मकान

सर्वे में सामने आया है कि त्रिवेणी संग्रहालय के सामने बनी एक होटल और 256 मकान इसके दायरे में आ रहे हैं। होटल एक भाजपा नेता की है जो संघ से भी जुड़े हैं। हालांकि किसी ने भी अपना विरोध दर्ज नहीं कराया बल्कि सभी महाकाल लोक के लिए जमीन देने को तैयार हैं।

20 साल से बिना रजिस्ट्री के रह रही

सर्वे में एक मामला ऐसा भी सामने आया है, जिसमें एक महिला पिछले 20 साल से जिस मकान में रह रही है, उसकी रजिस्ट्री या मालिकाना हक के दस्तावेज ही नहीं हैं। कुछ लोग किराए से रह रहे हैं, लेकिन मालिकाना हक में उनका नाम जुड़ गया था। इन मामलों में भी संशोधन किए गए हैं।

2020 में हटाए थे अतिक्रमण

चार साल पहले 10 दिसंबर 2020 को इस जमीन पर पहली कार्रवाई की गई थी। प्रशासन की अचानक हुई कार्रवाई में अतिक्रमण हटाए गए थे। मंदिर के लिए बनी पार्किंग की जमीन कम पड़ रही।।इस कारण प्रशासन शेष पौने दो हेक्टेयर जमीन भी अधिग्रहित करने की तैयारी कर रहा है।

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