विद्युत इंजीनियरों का मोह भंग

नौकरी छोड़ किया पलायान, भेदभाव का लगाया आरोप

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:प्रदेश की चारों विद्युत कंपनियों पर संकट के बादल नजर आ रहा है। कंपनियों के भेदभाव से परेशान होकर कंपनियों विभिन्न इकाई में पदस्थ इंजीनियर्स ने नौकरी इस्तीफा देते हुए नौकरी छोडऩा शुरू कर दिया है। बीते छह माह में चारों विद्युत कंपनियों के 70 से 80 इंजीनियर्स ने त्यागपत्र देते हुए दूसरी कंपनी में नौकरी ज्वाइन कर ली है।

जानकारों का कहना है कि इसी तरह से अगर इंजीनियर नौकरी छोड़ते रहे तो आने वाले समय में बिजली विभाग पर संकट खड़ा हो सकता है। विद्युत कंपनियों से संबंधित अधिकारियों का कहना है कि कंपनियों के भेदभाव से परेशान होकर विभिन्न इकाई में पदस्थ इंजीनियरों ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा देते हुए नौकरी छोडऩा शुरू कर दिया है।

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नौकरी छोडऩे वाले इंजीनियरों का कहना है कि विभाग में भेदभाव की समस्या नासूर की तरह उभर कर आई है, और यही वजह है कि अनुभवी इंजीनियर कंपनी को छोड़कर दूसरे राज्यों में नौकरी को लेकर पलायन कर रहे है। बीते 6 महीने में 75 से अधिक इंजीनियर इस्तीफा दे चुके हैं। विद्युत अभियंता संघ के विकास कुमार शुक्ला के अनुसार इंजीनियरों का कहना है कि वे सभी अपनी वर्तमान कंपनियों के प्रति पूर्ण निष्ठा रखते है परंतु प्रबंधन द्वारा विगत 8 वर्षो से ध्यान नहीं देने से उन्हे अपना भविष्य अंधकारमय लग रहा है, इसलिए विवश होकर कंपनी छोड़ रहे है।

सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता

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अभियंता विकास कुमार शुक्ला का कहना है कि इस मामले पर अब सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता आ गई है, क्योकि अभी भी इस पर विचार नहीं किया गया तो युवा अनुभवी अभियंताओं के पलायन से विद्युत कंपनियों का संचालन और संचार करना असंभव हो जाएगा होगा। बता दे कि अधीक्षण अभियंता के वेतन मान में विद्युत कम्पनियों द्वारा ओ-3 स्टार मैट्रिक्स बनाकर युवा अभियंताओं को दिया जा रहा है, जो की किसी भी राज्य ऐसी व्यवस्था नहीं है, इलेक्ट्रिसिटी रिबेट भी युवा अभियंताओं की बंद कर दी गई है, 20 वर्षो से अलाउंस पुनरीक्षित नही किया गया, एक संस्था में दो- दो नियम और वेतनमान चलाए जा रहे है।

अनेक विसंगतियों का सामना कर रहें

जानकारी के मुताबिक इंजीनियरों ने विद्युत कंपनियों में भेदभाव से परेशान होकर एवं ओ 3 स्टार, पदोन्नति, और अन्य विसंगतियों के कारण अन्य विद्युत कंपनियों में आवेदन किए। अनुभवी इंजीनियर मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों को छोड़ कर जाने से सबसे अधिक नुकसान मध्य प्रदेश की पावर जनरेटिंग कम्पनी को होगा। पिछले 6 महीनो में लगभग 70-80 अभियंता कंपनी से त्यागपत्र देकर दूसरे जगह ज्वाइन किया है। इंजीनियरों को नौकरी से जाने पर सारणी यूनिट पर संकट के बादल छाने वाले है।

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