उज्जैन-इंदौर फोरलेन के TOLL प्लाजा पर मैनेजमेंट आउट ऑफ़ कंट्रोल

By AV NEWS

एमपीआरडीसी इंदौर की कमजोरी से टोल एजेंसी की मनमानी

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। बीओटी के तहत उज्जैन-इंदौर फोरलेन का निर्माण इसलिए किया गया था कि लोगों को सुलभ और सरलता से सफर कराया ला सकें,लेकिन हो रहा है,ठीक इसके विपरित। एमपीआरडीसी इंदौर की कमजोरी से टोल एजेंसी की मनमानी वाहन चालकों पर भारी पड़ रही है।

उज्जैन-इंदौर फोरलेन पर टोल प्लाजा मैनेजमेंट आऊट ऑफ कंट्रोल हो गई है। एक ही कतार पर में फास्टैग और केश टोल देने वालों को प्रवेश दिया जा रहा है। टोल ठेकेदार के सामने एमपीआरडीसी इंदौर नतमस्तक है। ऐसा,इसलिए क्योंकि एमपीआरडीसी इंदौर के महाप्रबंधक टोल की अव्यवस्थाओं के लिए पड़ताल या ठेकेदार पर कोई कार्रवाई की बात करने की बजाय,वाहन चालकों को दोषी बता रहे हैं।

उज्जैन – इंदौर फोरलेन में दो टोल हैं। उज्जैन की तरफ निनोरा और इंदौर की तरफ बारोली में हैं। उज्जैन से जुड़े चारों सीमा के विभिन्न मार्गों की तुलना में इसी (उज्जैन – इंदौर फोरलेन) पर सबसे ज्यादा आवागमन होता है। इंदौर में एयरपोर्ट हैं। लिहाजा विभिन्न प्रांतों व देशों से आने वाले श्रद्धालु-पर्यटक व अन्य वहां तक हवाई मार्ग से आते और फिर इंदौर से उज्जैन का सफर वे सड़क यानी इसी मार्ग से करते हैं।

हाल के दिनों में इस रोड पर टै्रफिक और अधिक बढ़ गया है। इसके साथ दोनों टोल पर वाहन चालकों की दिक्कतों में वृद्धि भी हो गई है। इसके लिए दोषी और कोई नहीं टोल वसूली करने वाली एजेंसी की मनमानी और एमपीआरडीसी इंदौर की लापरवाही है। दरअसल एमपीआरडीसी अधिकारियों की कमजोर मॉनीटरिंग के चलते ठेका एजेंसी अपनी सुविधा से टोल का संचालन कर रही है और परेशानी वाहन चालक और मालिक परेशान होते है।

एक लेन हमेशा के लिए बंद
निनोरा और बारोली के दोनों टोल प्लाजा पर एक लेन को बेरिकेट्स लगाकर हमेशा ही बंद रखा जाता है। वहीं फास्टैग और केश टोल के वाहनों की अलग-अलग लेन का कोई सिस्टम ही नहीं है। छोटे वाहनों के साथ अन्य सभी वाहनों को एक साथ चलाने से टोल पर जाम लगता है। फास्टैग वाहनों को भी आगे बढऩे के लिए इंतजार करना होता है।

ठेकेदार बदले फिर भी सुधार नहीं

49 किमी लंबे उज्जैन-इंदौर फोरलेन का निर्माण सिंहस्थ 2016 में बीओटी के तहत हुआ था। तब से इस मार्ग पर टोल वसूली व मेंटेनेंस आदि का ठेका श्री महाकालेश्वर टोलवेज प्रालि. के पास था। उक्त कंपनी द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा था। ऐसे में कुछ महीनों पहले एमपीआरडीसी इंदौर ने कंपनी से वसूली के अधिकार वापस लेते हुए यहां टोल वसूली के लिए अपने कर्मचारी तैनात कर दिए थे। इसके बाद से ही एमपीआरडीसी इस मार्ग पर टोल वसूली की जिम्मेदारी पुन: निजी एसएसपी-ओआईएसपीएल के सौंप दी,लेकिन व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। बरसात में कई स्थानों पर सड़क खराब हो चुकी है,लेकिन मेंटेनेंस एमपीआरडीसी इंदौर ध्यान नहीं है। एंबुलेंस व रूटीन पेट्रोलिंग तो पूरे फोरलेन पर कहीं भी दिखाई नहीं देती है।

जाम के हालात आम

निनोरा और बारोली के टोल प्लाजा पर एजेंसी का टोल वसूली पर ही ध्यान है। दूसरों की तकलीफ से एजेंसी को कोई लेना-देना नहीं है। हाल के दिनों में टोल प्लाजा पर जाम लगना आम बात हो गई। पर्व और तीज-त्यौहार पर तो मुश्किलें और अधिक बढ़ जाती है। सामान्य वाहन हो या फास्टैग वाहन सभी को जाम का सामना करना होता है। कई मर्तबा से वाहन को टोल प्लाजा क्रास करने में १० से १५ मिनट और इससे भी अधिक समय लग जाता है। इतना ही नहीं एक-एक वाहन का दो-दो बार फास्टैग से टोल कटने की अनेक घटना हो चुकी है।

एजेंसी नहीं लोगों का दोष है

निनोरा और बारोली टोल पर अव्यवस्था को लेकर एमपीआरडीसी इंदौर के जीएम राकेश जैन का कहना कि जाम के लिए एजेंसी नहीं लोगों का दोष है।

सवाल : उज्जैन-इंदौर फोरलेन पर भारी अव्यवस्था है?

– प्रति प्रश्न क्या अव्यवस्था है…?

सवाल : रोज जाम लगता है,सभी तरह के वाहनों को एक ही लेन में प्रवेश करने से नहीं रोका जाता है?

-जाम के लिए वे वाहन चालक दोषी है,जो केश टोल चुकाने वाले रहते है और फास्टैग की खाली लेन में प्रवेश कर टोल के लिए विवाद करते है। इसमें टोल एजेंसी क्या कर सकती है।

सवाल: दोनों ही टोल पर एक-एक लेन को बंद क्यों रखा जाता है?

– ऐसा है तो पता करते है। सभी लेन को चालू रखना अनिवार्य है।

सवाल: फास्टैग से दो-दो बार टोल कटने की घटनाएं बढ़ती जा रही है?

– इसकी शिकायत एमपीआरडीसी या भारत सरकार के केंद्रीयकृत कॉल सेंटर पर 1033 पर कॉल किया जा सकता है। संबंधित बैंक से संपर्क कर शिकायत कर सकते है। सभी डॉक्यूमेंट्स भेजने के बाद, कुछ दिनों में फास्टैग बैलेंस में पैसा क्रेडिट हो जाएगा।

सवाल: उज्जैन-इंदौर फोरलेन पर एमपीआरडीसी इंदौर सही मॉनीटरिंग, पेट्रोलिंग नहीं होती है ?

– ऐसा नहीं है,मॉनीटरिंग, पेट्रोलिंग होती है। इससे अधिक कुछ नहीं कह सकता हूं।

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