मुख्यमंत्री ने किया कन्या-पूजन, कन्याओं के पांव पखारे

महानवमी पर मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर सनातन परंपरा का किया पालन

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शारदीय नवरात्र की महानवमी पर मुख्यमंत्री निवास में कन्या-पूजन और कन्या-भोज की सनातन परंपरा का पालन किया। मातृ-शक्ति के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा प्रदर्शित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को नौ दुर्गा स्वरूपा कन्याओं के पांव पखारे और उनका विधि-विधान से पूजन किया। उन्होंने श्रद्धापूर्वक कन्याओं को चुनरी ओढ़ाई और आरती उतारी।

पूजन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कन्याओं से संवाद कर उन्हें दुलारा भी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कन्या-पूजन के बाद कन्याओं को स्वयं अपने हाथों से भोजन परोसा और उनकी रूचि के अनुरूप मिष्ठान खिलाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कन्या भोज के बाद सभी कन्याओं को दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मोक्षदायिनी मां सिद्धिदात्री के चरणों में शत-शत प्रणाम कर प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्रि की महानवमी पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने मातारानी से सभी को संकल्प सिद्धि के असीम आशीर्वाद के साथ मंगलमय और सुखमय जीवन की प्रार्थना भी की।

महेश्वर और इंदौर में करेंगे शस्त्र-पूजन

उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे भारतीय पर्व उमंग और उल्लास के प्रतीक होते हैं। इस वर्ष प्रदेश में दशहरा पर्व सरकार और समाज मिलकर धूमधाम के साथ मनाएंगे और शस्त्र-पूजन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष का दशहरा पर्व महिला सशक्तिकरण और सुशासन की प्रतीक देवी अहिल्याबाई को समर्पित रहेगा।

देवी अहिल्याबाई ने देश भर में जन-कल्याण के अनेक महती कार्य संपन्न करवाए। इन कार्यों की स्मृति और देवी अहिल्याबाई के योगदान से आज की पीढ़ी को अवगत करवाने और उनके सम्मान में दशहरा पर्व पर शस्त्र-पूजन के कार्यक्रम होंगे। मुख्यमंत्री डॉ.यादन ने कहा कि इस दशहरा पर्व पर भारत की प्राचीन शस्त्र-पूजन परंपरा में सरकार के मंत्रीगण सहित सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रत्येक जिले में पुलिस शस्त्रागार, कोतवाली और थानों में होने वाले शस्त्र-पूजन एक विभाग तक सीमित न होकर जनता का पर्व बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे स्वयं देवी अहिल्याबाई की राजधानी रही महेश्वर और उनकी छावनी रही इंदौर में शस्त्र-पूजन करेंगे।

Related Articles