Advertisement

भारत ने 2036 ओलंपिक मेजबानी की दावेदारी पेश की

IOA ने IOC को लिखा खत

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

नई दिल्ली: भारत ने 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है. भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने इस संदर्भ में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) को एक आधिकारिक पत्र सौंपा है, जिसमें भारत की ओर से ओलंपिक मेज़बानी की इच्छा जताई गई है. इस महत्वपूर्ण कदम के साथ भारत ने ओलंपिक मेज़बानी की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है.

 

भारत ने कभी ओलंपिक खेलों का आयोजन नहीं किया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से ओलंपिक की मेज़बानी के लिए देश की प्रतिबद्धता लगातार बढ़ी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार भारत में ओलंपिक आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की थी, और अब भारतीय ओलंपिक संघ ने 2036 में ओलंपिक की मेज़बानी के लिए इस दावेदारी को औपचारिक रूप से पेश कर दिया है.

Advertisement

आईओए ने 1 अक्टूबर 2024 को इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) को एक पत्र भेजा, जिसमें भारत द्वारा ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के लिए रुचि जताई गई है. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने लंबे समय से इस दिशा में तैयारी की है, और यदि इसे मेज़बानी मिलती है तो देश की खेल सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर को दोगुनी तेजी से विकसित किया जाएगा.

भारत ने पिछले दो ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन किया है. टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत ने कुल सात पदक जीते थे, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक प्रदर्शन था. इसके अलावा, इस साल पेरिस में आयोजित ओलंपिक 2024 में भी भारत ने छह पदक जीते, जिससे यह साबित होता है कि भारत के खेलों में लगातार सुधार हो रहा है और वह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है.

Advertisement

हालांकि भारत ओलंपिक की मेज़बानी के लिए दावेदारी पेश कर चुका है, लेकिन यह दौड़ केवल भारत तक सीमित नहीं है. अन्य कई देश भी 2036 ओलंपिक मेज़बानी की रेस में हैं, और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी को इन दावेदारों में से किसी एक का चयन करना होगा.

भारत ने 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी की थी, और अब वह ओलंपिक जैसी महत्वपूर्ण प्रतियोगिता के आयोजन के लिए तैयार है. यह भारत के खेल क्षेत्र के लिए एक बड़ी छलांग साबित हो सकती है, जो देश के खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर हो सकता है. इस दावेदारी से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत अब खेलों के क्षेत्र में अपनी पहचान को और मजबूत करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

Related Articles