उज्जैन आयुर्वेद हॉस्पिटल 52 करोड़ रु. से बनेगा नंबर वन

अक्षरविश्व एक्सक्लूसिव: प्रशासन से ढाई बीघा जमीन आवंटन के बाद होगा डवलपमेंट
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प्रदेश का पहला ऐसा आयुर्वेद कॉलेज जहां स्टडी लिए डेड बॉडी से बनाई ममी
300 से अधिक बेड और आधुनिक सुविधाएं होंगी
सुधीर नागर|उज्जैन। आयुर्वेद के मामले में उज्जैन पूरे मध्यप्रदेश में चमकने वाला है। आयुर्वेद हॉस्पिटल को 52 करोड़ रुपयों से नंबर वन बनाने की तैयारी चल रही है, जिसमें 300 से अधिक बेड और आधुनिक सुविधाएं होंगी। शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय प्रदेश का पहला ऐसा कॉलेज है, जहां अध्ययन के लिए डेड बॉडी से ममी तैयार की गई है।
आगर रोड स्थित आयुर्वेद चिकित्सालय अब मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा बनने जा रहा है। इसके डवलपमेंट के लिए सरकार ने 52 करोड़ रुपयों की योजनाओं को मंजूरी दी है। आयुर्वेद कॉलेज प्रशासन इसकी तैयारी में जुट गया है। जिला प्रशासन ने आगर रोड पर चिमनगंज मंडी थाने के पास हॉस्पिटल से लगी ढाई बीघा जमीन आवंटित कर दी है। अभी हॉस्पिटल में 120 बेड हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 300 की जाएगी। चार ऑपरेशन थिएटर बनाए जाएंगे और 20 ओपीडी बनाई जाएगी। पंचकर्म, प्रसूति और शल्य चिकित्सा के लिए मशीनें लगाएंगे।
सबसे ज्यादा डेड बॉडी संरक्षित
धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सालय संचालित करने वाले स्वशासी धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय प्रदेश का ऐसा कॉलेज है जहां सबसे ज्यादा आठ डेड बॉडी संरक्षित है। इनका विच्छेदन कर विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है। रचना विभाग के प्रोफेसर डॉ. योगेश वाने ने डेड बॉडी से एक ममी तैयार की है।
विद्यार्थियों को मनुष्य शरीर के बारे में पढ़ाया जाता है। ममी का प्रचलन प्राचीन मिस्र में ज्यादा होता था।डॉ. वाने के अनुसार प्रदेश के अन्य किसी कॉलेज में ममी नहीं है। उज्जैन कॉलेज से प्रदेश के अन्य कॉलेजों को भी डेड बॉडी भेजी जाती है। ये डेड बॉडी सेवाधाम आश्रम से कॉलेज को दान की जाती है। प्राचार्य डॉ. जेपी चौरसिया के नेतृत्व में कॉलेज में कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। आधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी विकसित की जा रही है। आयुर्वेद दवा बनाने का प्रशिक्षण भी विद्यार्थियों को दिया जाता है। इसके लिए मशीनें लगाई गई हैं। इसके अलावा क्रिकेट टर्फ ग्राउंड भी बनाया गया है। पूरे कैंपस में सात हजार से अधिक पेड़ लगाए गए हैं।
प्रदेश का एकमात्र राज्य मॉडल संस्थान
मप्र का एकमात्र आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल है जिसे मप्र में राज्य मॉडल संस्थान घोषित गया है।
ओपीडी में उपचार, पंचकर्म, क्षारसूत्र, सामान्य हर्बल चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा और योग और फिजियोथेरेपी उपलब्ध है।
बिना ऑपरेशन के प्रसूति कराई जाती है।
परिसर में वेलनेस पंचकर्म सेंटर भी स्थापित।
अभा आयुर्वेद संस्थान खोला जाएगा
आयुर्वेद कॉलेज को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इसी कड़ी में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान भी आयुर्वेद कॉलेज लाने की तैयारी की जा रही है। इसका प्रस्ताव कॉलेज प्रशासन की ओर से केंद्र को भेजा जा चुका है।
हॉस्पिटल के लिए स्वीकृति मिली आयुर्वेद हॉस्पिटल के लिए
52 करोड़ रुपयों की स्वीकृति मिल गई है। इस राशि से योजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा। प्रशासन से जमीन का आवंटन
भी हो गया है।-डॉ. जेपी चौरसिया, प्राचार्य धन्वंतरि मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल