सीएम से मांगी थी मदद 8.64 लाख रुपए का खर्च आया
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। सिख समाजसेवी 74 वर्षीय सुरेंद्रसिंह अरोरा की तबीयत एक बार फिर नासाज हो गई है। उन्हें एयर एम्बुलेंस की मदद से शुक्रवार रात मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया। कुछ दिन पहले ही मुंबई में उनकी एंजियोप्लास्ट सर्जरी हुई थी।
सर्जरी के बाद अरोरा उज्जैन आ गए थे। उनकी तबीयत शुक्रवार शाम अचानक बिगड़ गई।
उन्हें सांस लेने में परेशानी हुई तो पुत्री शिल्पी ने सीएम डॉ. मोहन यादव से संपर्क किया। इसके बाद एयर एंबुलेंस से मुंबई ले जाना तय हुआ। ताबड़तोड़ सीएमएचओ कार्यालय अलर्ट हुआ और उसने अरोरा की आईडी जनरेट की। भोपाल मुख्यालय ने एयर एंबुलेंस मुहैया कराने वाली कंपनी से संपर्क किया। उसने 8.64 लाख का कोटेशन इंदौर से मुंबई तक का दिया।
यह राशि जमा कराते ही भोपाल से एयर एंबुलेंस इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंच गई। उज्जैन से अरोरा को परिवार इंदौर ले जाया गया। वहां से उन्हें लीलावती अस्पताल ले गए। फिलहाल उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। अरोरा के पारिवारिक मित्र हाजी मुल्ला कुतुब फातेमी ने बताया कि हम सब लोग अरोरा के उत्तम स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं।
क्या है एयर एम्बुलेंस सेवा लेने की प्रक्रिया
1 गंभीर बीमारी की स्थिति में कोई भी नागरिक एयर एंबुलेंस की सेवा ले सकता है।
2 इसके लिए मरीज के परामर्शदाता डॉक्टर की अनुशंसा वाला पत्र सीएमएचओ कार्यालय में देना पड़ता है।
3 सीएमएचओ यह पत्र अपनी टीप के साथ भोपाल मुख्यालय भेजते हैं। मरीज की आईडी जनरेट करते हैं। इसमें मरीज की स्थिति, एंबुलेंस सेवा कहां से कहां तक रहेगी का जिक्र होता है।
4 भोपाल मुख्यालय पत्र के आधार पर एयर एंबुलेंस सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी से कोटेशन बुलाता है।
5 कोटेशन की राशि की जानकारी मरीज के परिजन को दी जाती है। वह जैसे ही राशि जमा कराते हैं, एंबुलेंस की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
6 एंबुलेंस निकटवर्ती हवाईअड्डे पर पहुंच जाती है। यहां से मरीज को पिकअप करती है।
मरीज की स्थिति गंभीर होना जरूरी
एयर एंबुलेंस के लिए सीएमएचओ कार्यालय को आवेदन करना होता है। वह डॉक्टर की अनुशंसा पर मरीज की आईडी जनरेट करते हैं और भोपाल मुख्यालय से एयर एंबुलेंस की मांग करते हैं। कोटेशन में आई राशि जमा कराने पर एंबुलेंस मुहैया हो जाती है। प्रशासन का काम इसमें समन्वय बनाने का होता है।-नीरजकुमार सिंह कलेक्टर