शासकीय भवनों और धार्मिक संस्थानों के कमर्शियल टैक्स वसूलने की तैयारी, जारी किए जाएंगे नोटिस….
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। नगर निगम का खजाना एक बार फिर 39 करोड़ रुपए से भर गया है। हालांकि 58 करोड़ अभी भी निगम के खजाने से दूर हैं। निगम प्रशासन ने बरसों से टैक्स न देने वाले सरकारी भवनों और धार्मिक संस्थानों के बाहर दुकानों से कमर्शियल टैक्स वसूलने के लिए निगाहें टेढ़ी कर ली हैं। ऐसे संस्थानों को नोटिस जारी किए जाएंगे जो धर्मस्थल के आसपास व्यावसायिक गतिविधियां चला रहें।
नगर निगम प्रशासन टैक्स वसूलने में अब भी कमजोर साबित हो रहा। 91 करोड़ का टैक्स बकाया था, जिसमें से शनिवार को लोक अदालत में 39 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स जमा हो गया, लेकिन 58 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स अब भी बकाया है। कई सरकारी भवन और संस्थाएं बरसों से टैक्स जमा ही नहीं कर रही। शहर में कई धार्मिक स्थलों के बाहर दुकानें संचालित की जा रही लेकिन वे कमर्शियल टैक्स नहीं दे रहे। इससे निगम को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा। नगर निगम प्रशासन इसको लेकर अब सख्त रवैया अपनाने की तैयारी में है।
इसे संस्थानों को नोटिस दिए जाएंगे जहां धार्मिक स्थल की आड़ में दुकानें लगाई जा रहीं या व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रहीं। राजस्व समिति के प्रभारी रजत मेहता ने बताया व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जाती हैं तो नियमानुसार सभी को कमर्शियल टैक्स जमा करना चाहिए। इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
करोड़ों रुपए की आय, लेकिन महाकाल मंदिर समिति जमा नहीं कर रही टैक्स: महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को निगम द्वारा 18 लाख रुपए का टैक्स जमा करने का नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन मंदिर प्रबंध समिति यह टैक्स जमा नहीं कर रही। सूत्रों के अनुसार मंदिर प्रशासन इसके लिए सरकार से मार्गदर्शन मांग रहा है। इसी कारण टैक्स जमा नहीं हो पा रहा, लेकिन कई सरकारी विभाग भी टैक्स जमा नहीं कर रहे।