श्रद्धालुओं से रुपए लेकर दर्शन कराने के मामले मेें 90 दिनों बाद चालान पेश

अब भी तीन आरोपी फरार, जिनकी पर 10 हजार का इनाम घोषित

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। तीन माह पहले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने महाकालेश्वर मंदिर के नंदीगृह से यूपी और गुजरात के अनाधिकृत लोगों को दर्शन करते पकड़ा था। मामले की जांच कराई तो पता चला कि लोगों से जलाभिषेक और दर्शन के नाम पर रुपए लिए गए थे। मामला पुलिस तक पहुंचा और एक के बाद एक तार खुलते चले गए। पुलिस ने एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया और तीन अब भी फरार हैं। महाकाल थाना पुलिस ने 90 दिनों बाद शुक्रवार को कोर्ट में चालान पेश कर दिया।

यह था मामला
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह 19 दिसंबर को महाकालेश्वर मंदिर दर्शनों के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने नंदी हॉल में अनाधिकृत लोगों को पूजन अभिषेक करते देखा और उनसे परमिशन की जानकारी मांगी। गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोग कलेक्टर सिंह को पहचान नहीं पाए और उन्होंने कह दिया कि हम लोगों ने पुरोहितों को प्रति व्यक्ति के मान से रुपए दिए हैं। कलेक्टर सिंह ने तत्काल मंदिर प्रशासक, एडीएम व अन्य अफसरों को मंदिर बुलाया। श्रद्धालुओं के साथ महाकाल थाने पहुंचाया। थाने में उक्त लोगों के लिखित बयान हुए। तत्काल जांच के बाद 4 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। यहीं से दर्शनों के नाम पर लोगों से रुपए वसूलने की गैंग का भंडाफोड़ हुआ था।

कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा था रैकेट

पुलिस की जांच शुरू हुई तो मंदिर के कर्मचारी घेरे में आए। उक्त कर्मचारी प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों के साथ मिलकर लोगों से रुपए वसूलते और उन्हें वीआईपी तरीके से मंदिर में दर्शन कराने की बात उजागर हुई। पुलिस ने नंदीगृह प्रभारी, प्रोटोकॉल प्रभारी, सुरक्षाकर्मियों पर शिकंजा कसा। एक के बाद एक आधा दर्जन से अधिक गिरफ्तारी हुई जिसमें वर्षों से मंदिर में काम करने वाले कर्मचारी भी लपेटे में आए। खास बात यह कि एडीएम कार्यालय से प्रोटोकॉल व्यवस्था देखने वाला अभिषेक भार्गव, भस्म आरती प्रभारी भी पुलिस की गिरफ्त में आए। उक्त लोगों का रैकेट महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती से लेकर हर प्रकार से दर्शन कराने के बदले लोगों से रुपए वसूलता था।

इन लोगों पर दर्ज हो चुका केस

महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल की रिपोर्ट पर पुलिस ने 20 दिसंबर 24 को केस दर्ज करने के बाद सत्कार अधिकारी अभिषेक भार्गव, आईटी शाखा प्रभारी राजकुमार, नंदीहॉल दर्शन प्रभारी राजेन्द्र सिसौदिया, भस्म आरती प्रभारी रितेश, गार्ड ओमप्रकाश, जितेन्द्र व भस्म आरती प्रभारी आशीष के साथ ही मीडियाकर्मी पंकज, विजेन्द्र सहित अन्य को आरोपी बनाते हुए केस दर्ज किया। मामले में 10 आरोपी अब भी केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में बंद हैं। तीन आरोपी फरार हैं जिनकी गिरफ्तारी पर पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने 10 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की है।

अब फर्जी आधार कार्ड से भस्म आरती के लिए पहुंचे दंपत्ति पकड़ाए

टीआई बोले…दंपत्ति के आधार, मोबाइल और अकाउंट नंबर लिए हैं
अभी तीन महीने पुराना दर्शन के नाम पर रुपए वसूलने का कांड पूरा भी नहीं हुआ था कि 19 मार्च को फर्जी आधार कार्ड से भस्म आरती में प्रवेश करने वाले दंपत्ति को सहायक प्रशासक व कर्मचारियों ने पकड़ा और महाकाल थाने में उनके खिलाफ केस दर्ज कराया।

टीआई एन.एस. परिहार ने बताया कि 19 मार्च की रात करीब 1 बजे गौतमबुद्ध नगर उत्तरप्रदेश के मुकुल कसना और उनकी पत्नी चीनू भाटी ने श्यामसिंह और सरोजदेवी के नाम के आधार कार्ड का उपयोग कर मंदिर में प्रवेश लेने का प्रयास किया। जब श्याम सिंह और सरोजदेवी के नाम की वास्तविक अनुमति वाले श्रद्धालु मंदिर पहुंचे तो पता चला कि उक्त आधार कार्ड के नाम वाले दंपत्ति पहले ही मंदिर में प्रवेश कर चुके हैं।

जिला प्रोटोकॉल के माध्यम से बनी भस्म आरती परमिशन लेकर पांच श्रद्धालु प्रवेश द्वार पर पहुंचे थे। कम्प्यूटर जांच में उक्त जानकारी सामने आई। कर्मचारियों ने पहले से प्रवेश कर चुके दंपत्ति को मंदिर से बुलाया और पूछताछ की तो उन्होंने कबूल किया कि फर्जी तरीके से आधार कार्ड पर नाम व फोटो बदल दिए थे। टीआई परिहार ने बताया कि दंपत्ति के नाम, पता, मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर लिए गए हैं। उनके खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। अब जांच की जा रही है कि उक्त आधार कार्ड किस तरीके से दंपत्ति ने बनवाए थे।

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