शनिचरी अमावस्या कब है और इस दिन क्या नहीं करना चाहिए जानें

हिंदू धर्म में पूर्णिमा के साथ ही अमावस्या तिथि भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। अमावस्या के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अमावस्या तिथि कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन आती है। तो अब हम यहां जानेंगे कि चैत्र माह की अमावस्या कब है और स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

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पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 मार्च की शाम 7 बजकर 55 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 29 मार्च की शाम 4 बजकर 27 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में 29 मार्च, शनिवार को अमावस्या मनाई जाएगी. शनिवार के दिन पड़ने के चलते इसे शनिचरी अमावस्या  कहते हैं. शनिचरी अमावस्या पर शनि देव का भी पूजन किया जाता है. कहते हैं ऐसा करने पर शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से छुटकारा मिल जाता है.

शनि अमावस्या पर ग्रहों का शुभ संयोग

29 मार्च 2025 को शनि 30 वर्षों के बाद मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जो इस वर्ष का एक महत्वपूर्ण परिवर्तन होगा. मीन राशि में पहले से ही राहु उपस्थित है, और साथ में सूर्य, बुध, तथा शुक्र भी हैं. शनि के इस गोचर से मीन राशि में पंचग्रही योग का निर्माण होगा, जो सभी राशियों के लोगों के लिए लाभकारी रहेगा.

ओम नमः शिवाय

ओम महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात

ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये. शंयोरभि स्रवन्तु नः

इसके अतिरिक्त, शनि स्तोत्र, शनि चालीसा या हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है. यह दिन नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने और शनि देव की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम अवसर है.

शनि अमावस्या के दिन क्या न करें?

शनि अमावस्या के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन न करें. ऐसा करने से शनि देव के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है.

शनि अमावस्या के दिन गाय, कुत्ता और कौवे को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपसे शनि देव अप्रसन्न हो जाते हैं.

शनि अमावस्या के दिन बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से शनि दोष लगता है.

शनि अमावस्या के दिन लोहे का सामान और शनि से जुड़ी किसी भी चीज की खरीदारी नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना अशुभ होता है.

शनि अमावस्या के दिन बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए. साथ ही, इस दिन किसी से कोई लड़ाई-झगड़ा करना चाहिए.

शनि अमावस्या के दिन क्या करें?

शनि अमावस्या के दिन अगर संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.

शनि अमावस्या के दिन शनि देव की मूर्ति के पास सरसों के तेल का दीया जलाएं.

सरसों के तेल का दीपक जलाते हुए उसमें काला तिल और उड़द की दाल डाल दें.

शनि अमावस्या के दिन शाम में पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीया जलाएं.

दीपक जलाने के बाद पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा भी करनी चाहिए.

शनि अमावस्या के दिन शमी के पेड़ की पूजा करना भी फलदायी माना गया है.

शनि अमावस्या पर गरीबों को काले तिल, काले कंबल और काले कपड़े दान करें.

शनि अमावस्या के दिन काले कुत्ते को सरसों का तेल लगी रोटी खिलानी चाहिए.

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