मां ने काम का बोला तो घर छोडक़र चली गई किशोरी 3 माह बाद बुआ के घर पर मिली परिजनों को सौंपा

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मां ने अपनी बेटी को घर का काम करने को कहा। इससे नाराज होकर वह घर छोडक़र चली गई। परिजन ने उसकी तलाश करने के बाद थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। तीन माह की खोजबीन के बाद पुलिस ने उसे बुआ के घर से बरामद कर परिजन के सुपुर्द कर दिया।
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टीआई अशोक पाटीदार ने बताया कि थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने 4 जनवरी 25 को आवेदन दिया था कि उसकी बेटी घर पर बिना बताए कहीं चली गई है। पुलिस ने जांच के बाद धारा 137-2 बीएनएस के तहत केस दर्ज करने के बाद किशोरी की तलाश शुरू की। टीआई पाटीदार ने बताया कि किशोरी के पिता मजदूरी करते हैं वह स्वयं और उनकी बेटी मोबाइल का उपयोग नहीं करते। इस कारण किशोरी की तलाश करने में परेशानी आ रही थी।
पुलिस की शंका सही निकली
पुलिस उस किशोरी की तलाश में लगी हुई थी। रिश्तेदारों के बारे में जानकारी ली गई तब आशंका हुई कि वह रतलाम के गांव में रहने वाली बुआ के घर किशोरी हो सकती है। इसकी पुष्टि करने के लिए पुलिस ने पहले किशोरी के पिता को रतलाम पहुंचाया। उसकी बेटी बुआ के घर मिल गई लेकिन वह घर लौटने को तैयार नहीं हुई। पिता ने थाने आकर पुलिस को इसकी जानकारी दी तो एसआई चांदनी पाटीदार, प्र.आर. राहुल राठौर, म.आर. ज्योति हाड़ा की टीम को रतलाम रवाना किया गया। वहां पहुंचकर पुलिस टीम ने किशोरी को समझाइश दी और बडऩगर लाए। यहां उसके माता-पिता के सुपुर्द किया गया। पुलिस का कहना है कि किशोरी को बरामद करने के लिए पुलिस प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही अपने स्तर पर भरपूर प्रयास कर रही थी। परिजन से भी कोई पुख्ता सुराग नहीं मिल रहा था।
बहन ने भी नहीं बताया भतीजी यहां है
इस घटना का महत्वपूर्ण पहलू यह भी सामने आया है कि उक्त किशोरी तीन माह से बुआ के घर रह रही थी, लेकिन उसने भी अपने भाई को नहीं बताया कि उसकी बेटी मेरे घर आ गई है। यदि वह समय पर बता देती तो उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज नहीं होती और न ही पुलिस को इतनी मशक्कत करना पड़ती। माता-पिता के पास न जाने का कारण भी पुलिस की समझ में नहीं आया। बहरहाल, अभी वह माता-पिता के संरक्षण में है।