सिंहस्थ को लेकर एक्शन में सरकार, अब आए सीएस

सिलारखेड़ी और कान्ह क्लोज़ डक्ट परियोजनाओं का किया निरीक्षण, अफसरों की ली बैठक
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अक्षरविश्व प्रतिनिधि. उज्जैन:सिंहस्थ 2028 को लेकर मध्यप्रदेश सरकार एक्शन में आ गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संकेत पर प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन स्वयं आज उज्जैन आए और अफसरों से सीधी बात की। सिलारखेड़ी और कान्ह क्लोज़ डक्ट परियोजनाओं का निरीक्षण भी किया।
प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन का यह पहला उज्जैन दौरा है जब वे सिंहस्थ की तैयारियों के लिए उज्जैन आए हैं। 18 मार्च को उन्होंने भोपाल में राज्य साधिकार समिति की बैठक भी ली थी। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंहस्थ के प्रस्तावित बड़े प्रोजेक्ट को लेकर चिंता जताई है। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा मंगलवार शाम को ही शहर आ गए थे और बुधवार को ही उन्होंने भी सिंहस्थ के स्वीकृत प्रोजेक्ट्स की बैठक लेकर निरीक्षण किया था।
सूत्रों के अनुसार डॉ. राजौरा ने सिंहस्थ मेला प्राधिकरण को नए सिरे से एक्टिव करने पर जोर दिया है। अभी प्राधिकरण अध्यक्ष की नियुक्ति भी की जाना है। गुरुवार दोपहर को सीएस जैन उज्जैन आए और अधिकारियों को टाइमलाइन में काम करने पर जोर दिया। शिप्रा को स्वच्छ,अविरल और प्रवाहमान बनाने के लिए सरकार ने सिलारखेड़ी डेम और कान्ह क्लोज़ डक्ट परियोजना स्वीकृत की है।
इसके अंतर्गत छायन में सेगमेंट बिछाने के कार्य का मौके पर पहुंचकर निरीक्षण कर सीएस ने स्थिति देखी। संभागायुक्त संजय गुप्ता और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने निर्माण कार्यों की जानकारी सीएस जैन को विस्तार से बताई। विस्तृत रूप से प्रदान की। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह,अपर कलेक्टर महेंद्र सिंह कवचे,एडीएम प्रथम कौशिक,जल संसाधन विभाग के अधिकारी,लोक निर्माण विभाग के अधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
संविदा अवधि बढ़ाने लायक नहीं हो…! जल संसाधन के मुख्य अभियंता पर नाराज हुए अपर मुख्य सचिव
शिप्रा नदी घाट निर्माण में पत्थर के चयन को लेकर अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा ने जल संसाधन विभाग (डबल्यूआरडी) के मुख्य अभियंता टीके परमार पर नाराजी जताई, कहा संविदा अवधि बढ़ाने लायक नहीं हैं आप। दरअसल, शिप्रा नदी के दोनों ओर 29 किलोमीटर के घाट निर्माण के लिए 593.62 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला गया है।
टेंडर में बेसाल्ट या सेंड स्टोन से इसे बनाने का प्रावधान है। एसीएस ने पूछा तो मुख्य अभियंता परमार ने कहा कि इसे बेसाल्ट पत्थर से बनाएंगे। एसीएस ने कहा इसे सेंड स्टोन से ही बनाना है। परमार को संविदा अवधि पर मुख्य अभियंता की जिम्मेदारी दी गई है। इस कारण डॉ. राजौरा ने कहा घाट निर्माण महत्वपूर्ण है। इसमें किसी तरह की कमी नहीं रखना है।