नई दिल्ली: पहलगाम आंतकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार एक्शन में दिख रही है। पीएम मोदी सऊदी अरब का दौरा रद्द करके वापस दिल्ली लौटे और सीसीएस की अहम बैठक की। इस बैठक में सरकार ने आतंकवाद पर चोट देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले किए हैं। सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता को रोक दिया है। इसके अलावा भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर एक मई तक उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया है।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों से आतंकवाद के सरगनाओं के साथ पाकिस्तानी हुकूमत पर चोट लगना तय है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने ये पांच फैसले लिए हैं..
1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जा रहा है, जब तक कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता।
इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है। वैध अनुमति के साथ जो लोग इस रास्ते से भारत आए हैं, वे 1 मई से पहले इसी रास्ते से वापस जा सकते हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों को अब SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत भारत यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी। पहले जारी सभी SVES वीज़ा निरस्त माने जाएंगे। अभी SVES वीज़ा पर भारत में रह रहे किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ना होगा।
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है। भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी रक्षा/नौसेना/वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों में ये पद अब निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारी भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाए जाएंगे।
दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की कुल संख्या को मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 1 मई तक पूरी कर ली जाएगी।