देवासगेट पर सिग्नल ‘ग्रीन’, ट्रैफिक मैनेजमेंट फेल

कैमरे लगे होने के बावजूद नहीं रुकते वाहन चालक, बीच सडक़ पर बसें खड़ी कर बैठाते हैं सवारियां
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहों में से एक देवासगेट जो नए और पुराने शहर को कनेक्ट करता है। यहां बस स्टैंड, पुलिस स्टेशन और रेलवे स्टेशन भी हैं जिसके चलते दिनभर वाहनों का भयंकर दबाव रहता है। ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए यहां सिग्नल भी लगा है लेकिन इसका पालन वाहन चालक नहीं करते। वे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिनभर निकलते रहते हैं लेकिन उन्हें रोकने के लिए वहां यातायात पुलिसकर्मी तक तैनात नहीं है। इसके लिए थोड़े-थोड़े समय में जाम लगने की स्थिति बनती रहती है।
दरअसल, आगामी सिंहस्थ 2028 को देखते हुए यह चौराहा काफी अहम है। यहां से ही शहर से बाहर जाने के लिए लोकल और वीडियोकोच बसों का संचालन होता है। बड़ी संख्या में रोज सैकड़ों यात्री यहां से यात्रा करते हैं। इसके अलावा रेलवे स्टेशन भी समीप है जहां से प्रतिदिन भगवान महाकाल के दर्शन के लिए यात्री आते हैं और देशभर की यात्रा के लिए पैसेंजर्स प्रस्थान भी करते हैं। इसके अलावा श्री महाकालेश्वर मंदिर जाने के लिए भी यह प्रमुख मार्ग है। बावजूद इसके जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं है जिससे यातायात व्यवस्था चौपट हो गई है।
कभी बंद-कभी चालू
यह सिग्नल अपने आप में अनूठा है। कभी यह चालू रहता है तो कभी बंद। इसके अलावा कभी-कभी सिग्नल ना तो ग्रीन होता है और ना ही रेड। केवल यलो लाइट ऑन-ऑफ होती रहती है जिससे वाहन चालक कन्फ्यूज रहते हैं। इसी के चलते चालक नियमों का पालन करने से परहेज करते हैं।
दुकानों का सामान रोड तक फैला
देवासगेट पर सडक़ें तो चौड़ी हैं लेकिन यहां रेलवे स्टेशन के सामने होटल और रेस्टोरेंट संचालित करने वालों ने कब्जा कर लिया जिसके चलते सडक़ों पर ही खाने-पीने के स्टॉल लगे रहते हैं। इसके अलावा सडक़ के दूसरी ओर ठेले वालों का कब्जा है जिसके चलते वाहनों को निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सवारी के लिए सडक़ों पर बसें
इधर, देवासगेट बस स्टैंड से जो बसें आगर-मालवा, शाजापुर के रूट पर निकलती हैं वह अन्नपूर्णा मंदिर के समीप सडक़ पर खड़ी होकर बेखौफ सवारियां बैठाती हैं। इसी तरह की स्थिति इंदौरगेट की ओर जाने वाली बसों की होती है, वह गदापुलिया पर खड़ी रहती हैंं। आधे-आधे घंटे तक बसें इसी तरह खड़ी रहती हैं जिससे यातायात बाधित तो होता ही हैं लोगों को परेशान भी होना पड़ता है। यदि टै्रफिक पुलिसकर्मी तैनात कर दिए जाएं तो इस तरह की स्थिति को बनने काफी हद तक रोका जा सकता है।
देवासगेट भले ही यातायात की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण चौराहा हो लेकिन यहां लगा सिग्नल ही गलत है। यह इतना व्यस्त क्षेत्र है कि यदि यहां अगर 60 सेकंड के लिए भी ट्रैफिक रोका जाए तो भयंकर जाम लग जाएगा। जिससे वाहन चालकों और यात्रियों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
कैमरों का भी खौफ नहीं
ट्रैफिक नियमों को तोडऩे से रोकने के लिए यहां पर दो सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, बावजूद इसके नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वाहन चालक लाल बत्ती होने पर भी बेधडक़ निकल जाते हैं। उन्हें इस बात की परवाह ही नहीं ई-चालान उनके घर पहुंच जाएगा। हालांकि, यहां लगे सीसीटीवी कैमरे चालू हैं भी या नहीं, इस संबंध में कुछ नहीं कहा जा सकता।
रिसीव नहीं किया कॉल
इस संबंध में जब यातायात डीएसपी विक्रम सिंह कनपुरिया और दिलीप सिंह परिहार से मोबाइल पर चर्चा करनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।