3 दिन में डेढ़ इंच से ज्यादा बारिश गंभीर डेम में नहीं बढ़ा पानी…

दिन और रात का तापमान लुढक़ा, मौसम में घुली ठंडक

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। लगातार तीसरे दिन मंगलवार को भी शहर में जमकर बादल बरसे जिससे सडक़ें तरबतर हो गईं और मौसम में ठंडक घुल गई। तीन में डेढ़ इंच से ज्यादा (३८ मिमी) बारिश हुई। इधर, बदले मौसम की वजह दिन का तापमान में खासी गिरावट आई, वहीं रात का तापमान में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। जिसके चलते शहरवासियों को मई की भीषण गर्मी में सर्दी का एहसास करवा दिया। बुधवार को अधिकतम तापमान २९ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इधर, बुधवार को भी सुबह से बादलों ने आमद दर्ज करवाई। सुबह ४ और शाम को ८ किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवा ने शहरवासियों को सर्दी का एहसास करवा दिया। हालांकि, बाद में सूर्यदेव भी निकले लेकिन धूप में तल्खी नहीं थी।

खूब तपता है मई का महीना
मई के महीने में ही सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। पिछले कुछ सालों का ट्रेंड देखा जाए तो तापमान ४५ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। इसके अलावा मई में बारिश का भी ट्रेंड रहता है। इस बार भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते मई की शुरुआत से ही मौसम बदला हुआ है जिसके चलते पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के गुजरते ही एक बार फिर गर्मी अपने तल्ख तेवर दिखाएगी जिससे दिन में हीट वेव चलेगी तो रातें गर्म होंगी।

मंडी में आवक रही कम
लगातार हो रही बारिश के चलते बुधवार को चिमनगंज स्थित कृषि उपज मंडी में गेहूं की आवक काफी कम रही। गिने-चुने किसान ही उपज लेकर मंडी पहुंचे जिससे फड़ के आसमान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की संख्या काफी कम रही। इससे कारण अमूमन किसानों की हलचल से गुलजार रहने वाली कृषि उपज मंडी सूनी-सूनी सी नजर आई।

प्याज को नुकसान
इधर, बेमौसम हो रही बारिश के कारण प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। किसान मेहरबान सिंह ने बताया कि खेत में दबे प्याज की परत खराब होने और इसके काला होने से भाव भी नहीं मिलेंगे। इसके अलावा जिन किसानों के खेत खाली हैं वह बारिश के कारण गीले हो गए हैं जिससे खेत जोतने में आसानी होगी।

गंभीर डेम में 585 एमसीएफटी पानी शेष
इधर, लगातार बारिश के बाद भी शहर के जलप्रदाय के एकमात्र स्रोत गंभीर डेम में पानी नहीं बढ़ा। गंभीर डेम प्रभारी प्रवीण कुमार वर्मा ने बताया कि बुधवार सुबह तक डेम में ५८५ एमसीएफटी पानी है। इधर, बादलों के चलते डेम से गर्मी के कारण होने वाला पानी का वाष्पीकरण रुका है जिससे भी राहत है।

पोल हो गया धराशायी
बारिश और आंधी के चलते त्रिवेणी संग्रहालय के समीप महाकाल महालोक प्रवेश द्वार के सामने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए जिस पोल पर मंदिर क्षेत्र का मैप लगाया था वह धराशायी हो गया। बुधवार सुबह तक वह उसी हालत में पड़ा रहा उसे किसी ने उठाने की जहमत नहीं दिखाई, जबकि यहां बड़ी तादाद में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।

इनका कहना
पश्चिमी विक्षोभ के चलते प्रति चक्रवात बना हुआ है जिसे अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी मिलने के कारण लगातार बारिश हो रही है।
– डॉ. आरपी गुप्त, अधीक्षक
शा. जीवाजी वेधशाला

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