उज्जैन में शौर्य का प्रतीक वीर भारत संग्रहालय डेढ़ साल में बनेगा, अतिक्रमण हटाए जाएंगे

सीएम ने भोपाल में बुलाई बैठक, प्रोजक्ट को दिया आकार
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। पुराने जमाने के कोठी पैलेस मेें वीर भारत संग्रहालय डेढ़ साल में बनाने का टारगेट मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा स्मार्ट सिटी अधिकारियों के सामने रखा गया है। योजना का भूमिपूजन करने के बाद भी अब तक काम शुरू न होने पर अधिकारियों की नाराजगी के स्वर भी उठे हैं। यह संग्रहालय भारत के शौर्य की गाथा पूरी दुनिया को बताएगा।
वीर भारत संग्रहालय का भूमिपूजन केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अर्जुनराम मेघवाल की उपस्थिति में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 30 मार्च को किया जा चुका है। पहले चरण में इस पर करीब 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्मार्ट सिटी और विक्रमादित्य शोधपीठ के संयुक्त तत्वावधान में इस योजना को आकार दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी द्वारा इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया की जा चुकी है और शोधपीठ को इसका कब्जा भी सौंप दिया गया है। सूत्रों के अनुसार कोठी पैलेस पर अभी कुछ लोगों के कब्जे बने हुए हैं। इनको हटाने के बाद पुराने भवन का जीर्णोद्धार किया जाएगा और उसे पुराने स्वरूप में संवारा जाएगा।
बुधवार सुबह मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में कलेक्टर रौशन कुमार सिंह और स्मार्ट सिटी के सीईओ भी शामिल हुए हैं। बैठक में संग्रहालय का काम शुरू करने के साथ ही इसे डेढ़ साल में पूरा करने का टारगेट भी रखा जा सकता है। काम शुरू करने की राह में आ रही बाधाओं को भी दूर करने के लिए समन्वय बनाया जाएगा। ग्वालियर स्टेट के समय में बने 139 वर्ष पुराना कोठी पैलेस (विक्रमादित्य भवन) को अब नया स्वरूप देने की तैयारी चल रही है। जर्जर हो रहे भवन में संधारण, रंगाई-पुताई, आकर्षक लाइटिंग के साथ इसके पुराने स्ट्रक्चर को दोबारा से नया रूप दिया जाएगा।
प्रदेश का पहला संग्रहालय
प्रदेश का यह पहला वीर भारत संग्रहालय होगा। इसमें उन विभूतियों की प्रतिमा और कार्यों का वर्णन किया जाएगा, जिन्होंने भारत को बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इनमें संत, ऋषि, राजनेता, समाज सुधारक, राजा-महाराज और वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, वीर सैनिक भी शामिल रहेंगे। संग्रहालय में लगने वाली मूर्तियां आकर्षक होकर इसमें सबंधित महापुरुषों के कार्यों को डिजिटल के रूप में प्रजेंटेशन होगा। मूर्तियों के साथ लोग फोटो भी खिंचवा सकेंगे। दीवारों पर म्यूरल्स, पेंटिंग के साथ पुरानी गाथाओं को भी उकेरा जाएगा। संग्रहालय के माध्यम से युवाओं सहित देशवासियों को संदेश पहुंचेगा हमारा देश आज जिस जगह है, उसमें किन लोगों ने अपना सर्वस्व कैसे और किस तरह दिया। भारत के शौर्य की यह कहानी भी सुनाएगा।