5 जून को सिद्धि योग में मनाया जाएगा गंगा दशहरा

अक्षरविश्व न्यूज। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर 5 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इस दिन हस्त नक्षत्र, सिद्धि योग, व्यातिपात योग व कन्या राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में धार्मिक आध्यात्मिक सिद्धि के लिए व्रत, अनुष्ठान या संकल्प लिया जा सकता है। मान्यता है कि इस प्रकार के योग संयोग में वैदिक अनुष्ठान अनुकूल परिणाम देने वाले होते हैं।
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ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाए जाने वाले गंगा दशहरा पर्व पर 10 में से 6 योग रहेंगे। जिसमें ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, मध्यान्ह में व्यातिपात योग, हस्त नक्षत्र, कन्या राशि का चंद्रमा, वृषभ राशि का सूर्य यह छह योग की स्थित रहेगी। ऐसे योग में शुभ मांगलिक कार्य करने से माता गंगा की कृपा होती है। दोषों की निवृत्ति के साथ मां गंगा के आशीर्वाद से वंश वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तीर्थ पर पूजन, दान का महत्व
ज्येष्ठ मास में किया गया दान विशेष फल प्रदाता माना गया है। शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर माता गंगा का विधिवत पूजन करना चाहिए। साथ ही देव, ऋषि, पितरों का तर्पण कर सभी के निमित्त यथा श्रद्धा अन्नदान, पात्र दान, वस्त्रदान करना चाहिए। इसके करने से पितरों की कृपा के साथ-साथ माता गंगा की विशेष कृपा होती है।
10 प्रकार के दोषों से मुक्ति का लें संकल्प
गंगा दशहरा पर 10 प्रकार के दोषों से मुक्ति का संकल्प लेना चाहिए। इन दस प्रकार के दोष में तीन प्रकार के मानसिक दोष, तीन प्रकार के वाचिक दोष, तीन प्रकार के शारीरिक दोष और एक प्रकार का क्रियात्मक दोष होता है। संकल्प लेना चाहिए कि वर्ष पर्यंत इनमें से किसी प्रकार से किसी को पीडि़त नही करें।