पर्यटन नक्शे पर पचमढ़ी को सशक्त बनाने के होंगे फैसले

पचमढ़ी में आज मोहन यादव कैबिनेट की बैठक
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
भोपाल। पचमढ़ी की 395.93 हेक्टेयर भूमि को नजूल और राजस्व स्वामित्व की घोषित करने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज पचमढ़ी में ही कैबिनेट बैठक करेंगे। वे पर्यटन की दृष्टि से इसके विकास को नया स्वरूप देने का निर्णय लेंगे। पचमढ़ी के जागीरदार राजा भभूत सिंह की स्मृति में होने वाली इस बैठक में अंग्रेजों के साथ हुए गोरिल्ला युद्ध और अन्य वीर कथाओं पर चर्चा होगी। बैठक में भभूत सिंह की स्मृति में प्रतिमा स्थापित करने और उनके नाम पर संस्थानों और पार्कों के नामकरण का निर्णय लिया जा सकता है। सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि राजा भभूत सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के समय महान स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे की मदद की थी। तात्या टोपे के आह्वान पर उन्होंने सतपुड़ा की वादियों में आजादी की मशाल जलाई। राजा भभूत सिंह ने अंग्रेजों की आंख में धूल झोंकते हुए अक्टूबर 1858 के अंतिम सप्ताह में तात्या टोपे के साथ ऋषि शांडिल्य की पौराणिक तपोभूमि सांडिया के पास नर्मदा नदी पार की। पचमढ़ी में इसके पहले भी कैबिनेट बैठक पूर्व सीएम शिवराज सिंह के कार्यकाल में हो चुकी है। बीजेपी के चिंतन शिविर भी पचमढ़ी में होते रहे हैं।
आधे मंत्री रात में ही पहुंच गए पचमढ़ी
पचमढ़ी के राजभवन में होने वाली कैबिनेट बैठक के लिए मोहन कैबिनेट के आधे मंत्री रात में ही पचमढ़ी पहुंच गए। इनमें डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, मंत्री गोविंद राजपूत समेत अन्य मंत्रियों के नाम शामिल हैं। वहीं कुछ मंत्री आज सुबह बैठक के लिए भोपाल से निकले हैं। बताया जाता है कि कैबिनेट की बैठक का समय दोपहर बाद है। इसलिए कई मंत्री सुबह पचमढ़ी के लिए निकले हैं। लोक निर्माण विभाग के मंत्री और नर्मदापुरम के प्रभारी मंत्री राकेश सिंह सोमवार को दोपहर में ही पचमढ़ी पहुंचकर कैबिनेट बैठक की तैयारियों का जायजा लेकर व्यवस्था दुरुस्त कराते रहे।
विकास कार्यों का भूमिपूजन, लोकार्पण
पचमढ़ी में कैबिनेट की बैठक के साथ मुख्यमंत्री पर्यटन और अन्य विभागों से जुड़े 33.88 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे। इस बैठक में पचमढ़ी के पूर्व जागीरदार राजा भभूत सिंह की स्मृति में पचमढ़ी में प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही नर्मदांचल क्षेत्र में किसी संस्थान का नाम राजा भभूत सिंह के नाम पर रखने की संभावना भी है।