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गड्ढेदार इंदौर रोड पर चुकाना पड़ रहा टोल

एनएचएआई पर दिया सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्टेट हाईवे पर कब लागू होगा

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। इंदौर रोड की खराब हालत को देखते हुए टोल वसूली बंद करने की मांग कई बार उठ चुकी है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी जनता की आवाज सुनने को तैयार नहीं है। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले मेें कहा है कि खराब हालत वाली भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सडक़ों पर यात्रियों को टोल भुगतान के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के एनएचएआई की सडक़ों को लेकर दिए गए इस फैसले का स्टेट हाईवे पर क्या असर होगा?

सुप्रीम कोर्ट ने आम जनता से जुड़े एक अहम आदेश में बुधवार को कहा है कि यदि हाई-वे की स्थिति बहुत खराब है तो एनएचएआई यात्रियों को टोल भुगतान के लिए बाध्य नहीं कर सकता। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने केरल हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखते हुए यह फैसला सुनाया, जिसमें खराब सडक़ होने के कारण त्रिशूर जिले के पलियेक्कारा में टोल वसूली निलंबित कर दी गई थी। बेंच ने हाईकोर्ट के इस दृष्टिकोण से सहमति व्यक्त की कि टोल चुकाने वाले नागरिक को अच्छी सडक़ों की मांग का अधिकार है। कोर्ट ने अफसोस जताया कि एक नागरिक जिसने सडक़ पर गाड़ी चलाने के लिए मोटर वाहन टैक्स चुकाया है, उसे खराब सडक़ के उपयोग के लिए टोल का अतिरिक्त भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

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पिछले 8 महीनों से खराब हालत है इंदौर रोड की
सिक्सलेन निर्माण कार्यों के कारण इंदौर रोड की पिछले छह महीने से खराब हालत है। स्थानीय नागरिकों ने कई बार विरोध किया। मप्र सडक़ विकास निगम को लिखा भी। लेकिन जनता की आवाज को सुना ही नहीं गया। जर्जर सडक़ों पर टोल वसूली बदस्तूर जारी है।

खर्च से ज्यादा वसूली को भी कोर्ट ने दुखद बताया
चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन बेंच ने कहा कि मोटर वाहन टैक्स चुकाने के बावजूद लोकतंत्र में बीओटी सडक़ों की लागत उपयोगकर्ताओं से वसूलने की प्रथा मुक्त बाजार का एक दुखद प्रतिबिंब है। ठेकेदार निर्माण और रख रखाव पर खर्च की गई राशि से कहीं अधिक वसूल लेता है, यह गलतियों का एक हास्यास्पद उदाहरण है।

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कोर्ट ने टोल बूथों पर बुरा व्यवहार भी गलत माना
कोर्ट ने कहा कि बूथ पर टोल वसूलने वाले अक्सर कम कर्मचारियों और अधिक काम के कारण तानाशाहों जैसा बर्ताव करते हैं। बेचारे नागरिकों को घंटों कतार में और तंग जगह में गाड़ी को स्टार्ट रखते हुए मुश्किल से आगे बढ़ते हैं और इंतजार करना पड़ता है, यह त्रासदी है। टोल वास्तव में नागरिकों की जेब और धैर्य पर भारी पड़ता है, और पर्यावरण भी इससे प्रभावित होता है।

हमें टोल वसूली रोकने के निर्देश नहीं
इंदौर-उज्जैन मार्ग पर टोल वसूली रोकने के हमें अभी कोई आदेश नहीं मिले है। भोपाल से मिले निर्देशों के मुताबिक ही हम वसूली शुरू करते या रोकते हैं।
-गगन भाबर, महाप्रबधंक एमपीआरडीसी इंदौर डिविजन

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