उज्जैन से लोग सीधे इंदौर के पितृ पर्वत तक पहुंच सकेंगे

इंदौर से उज्जैन तक ग्रीनफील्ड फोरलेन का टेंडर इसी माह लगेगा
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। इंदौर से उज्जैन तक बनने वाले 48 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड फोरलेन को बनाने के लिए एमपीआरडीसी इंदौर द्वारा इसी हफ्ते टेंडर लगाकर बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इस रोड पर सर्विस रोड की सुविधा तो होगी, लेकिन यह एक जैसी न होकर बीच बीच में ब्रेक होगी।
इस फोरलेन का टेंडर पहले भी जारी किया गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया था। मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में ग्रीनफील्ड फोरलेन के लिए 2935 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिलते ही इसे बनाने की अड़चनें दूर हो गई हैं। एमपीआरडीसी ने दोबारा टेंडर जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार 10 सितंबर तक टेंडर जारी किया जा सकता है। टेंडर खुलने के बाद इसे बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि विभाग की कोशिश है कि इसी हफ्ते टेंडर जारी कर दिया जाए। फोरलेन के साथ सर्विस रोड तो रहेगा लेकिन यह इंदौर से उज्जैन तक सीधा नहीं रह सकेगा। जहां पुल और फ्लाईओवर आदि रहेंगे, वहां सर्विस रोड नहीं बनाई जा सकेगी। इसके लिए करीब 20 गांवों की जमीन अधिग्रहित करने की प्रक्रिया अभी चल रही है।
सर्विस रोड बनेगी लेकिन बीच बीच में पुल पुलिया पर ब्रेक होगी
ग्रीनफील्ड मतलब हराभरा नहीं
ग्रीनफील्ड रोड का मतलब हराभरा नहीं है, बल्कि जहां अभी कोई रोड नहीं है वह है। एमपीआरडीसी अधिकारियों के अनुसार तकनीकी भाषा में इस तरह की रोड को ग्रीनफील्ड कहते हैं।
पितृ पर्वत और चिंतामन गणेश जुड़ेंगे
यह फोरलेन 48.01 किलोमीटर लंबा होगा। सिक्स लेन से यह अलग होगा। यह इंदौर एयरपोर्ट के करीब से होते हुए इंदौर के पितृ पर्वत तक जुड़ेगा। इस कारण यह सिंहस्थ 2028 में भी उपयोगी होगा। यह पितृ पर्वत के पास से शुरू होगा और उज्जैन के चिंतामण गणेश मंदिर को जोड़ेगा।
एक नजर में योजना
फोरलेन की लंबाई 48.01 किलोमीटर होगी।
लगभग 228 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
इंदौर के 19 गांव और उज्जैन के 6 गांव की जमीन ली जाएगी।
इसके बनने से इंदौर एयरपोर्ट से उज्जैन सिर्फ 30 मिनट में पहुंचना संभव हो जाएगा।
टेंडर जल्द लगेगा- ग्रीनफील्ड फोरलेन के लिए कैबिनेट की मंजूरी के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही टेंडर लगाकर आगे का काम शुरू किया जाएगा। भू अर्जन की प्रक्रिया भी चल रही है।
गगन भावर, संभागीय महाप्रबंधक एमपीआरडीसी, इंदौर