शारदीय नवरात्रि कल से, दो चतुर्थी के कारण 10 दिन मनेगा उत्सव

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शारदीय नवरात्रि कल 22 सितंबर से शुरू हो जाएंगे और १ अक्टूबर को नवमी पर समापन होगा। चतुर्थी तिथि दो होने के कारण इस बार नवरात्रि पर्व 10 दिन का रहेगा। 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक श्रद्धालु माता की उपासना कर सकेंगे। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि जब बढ़ते क्रम में हो तो वह शुभ मानी जाती है। इस दौरान आदिशक्ति की कृपा प्राप्त करने के लिए उपासना करनी चाहिए। पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और शुक्ल योग में नवरात्रि का आगाज होगा।
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इस बार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर सोमवार को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, शुक्ल योग की उपस्थिति में नवरात्रि पर्व का प्रारंभ हो रहा है। माता इस बार हाथी की सवारी के साथ आ रही है, जो समृद्धि कारक माना है। वहीं, शुक्ल योग की अधिष्ठात्री माता पार्वती है, इनकी उपस्थिति में नवरात्र का आरंभ होना साधना उपासना की सफलता मानी जाती है।
नवरात्रि में रवि, अमृत व सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष संयोग
इस बार नवरात्रि पर्व के दौरान रवि योग, अमृत सिद्धियोग, सर्वार्थ सिद्धि योग सभी रात्रि में आएंगे जो साधना उपासना की दृष्टि से विशेष माने जाते हैं। 24 व 25 सितंबर की मध्य रात में अमृत सिद्धियोग व रवि योग बनेगा। 26 और 27 सितंबर को रवि योग और 28 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
घट स्थापना 22 को ये हैं शुभ मुहूर्त
प्रात 6.20 से 7.50 बजे तक अमृत।
सुबह 9.20 से 10.50 बजे तक शुभ।
सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक शुभ अभिजीत।
दोपहर 1.50 से 3.20 बजे तक चंचल।
3.20 बजे से 4.50 बजे तक लाभ।
सांय 4.50 बजे से 6.20 बजे तक अमृत।