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नकली पुलिस बनकर लूट करने वाला ईरानी गैंग का बदमाश गिरफ्तार

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। बडऩगर में एक किराना व्यापारी के साथ पुलिसकर्मी बनकर 2.90 लाख के आभूषण लूटने के मामले में पुलिस ने भोपाल की ईरानी गैंग के बदमाश को गिरफ्तार किया है। चोरी किए गए सोने की चेन और अंगूठी भी बरामद कर ली है। दूसरा साथी अभी फरार है। घटना करीब पाँच माह पहले 21 अप्रैल को हुई थी। बडऩगर के 75 वर्षीय अमृतलाल जैन गांधी चौक जा रहे थे, तभी दो लोगों ने उन्हें रोका और खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए आईकार्ड दिखाया और चैकिंग का डर दिखाकर व्यापारी से सोने की चेन और अंगूठी उतरवा ली। बदमाशों ने आभूषण को एक कागज की पुडिय़ा में बांधकर वापस थमाया और तुरंत गायब हो गए। जब व्यापारी घर पहुँचे और पुडिय़ा खोली तो उसमें मिट्टी भरी पाई गई। उन्होंने तुरंत थाने में शिकायत दर्ज कराई।

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ऐसे पकड़ा गया बदमाश
पाँच माह बाद पिछले दिनों जब पान बिहार पुलिस ने ईरानी गैंग के बदमाश हसन अली को एक ज्वेलरी शॉप से चोरी करते हुए रंगेहाथ पकड़ा तब इस मामले का खुलासा हुआ। बडऩगर टीआई अशोक कुमार पाटीदार ने अमृतलाल जैन के साथ हुई वारदात के फुटेज का मिलान हसन अली से किया, जिसमें उसकी संलिप्तता सामने आई। जेल से दो दिन की पूछताछ के लिए लाए गए आरोपी हसन अली (पिता राहत अली, निवासी संजयनगर ईरानी डेरा भोपाल) ने अपने साथी हैदर (पिता पिंगू) के साथ मिलकर वारदात करना कबूल कर लिया। पुलिस टीम ने उसकी निशानदेही पर भोपाल स्थित डेरे से डिब्बे में छुपाकर रखे 2.90 लाख रुपए कीमत के आभूषण बरामद किए।

व्यापारी ने पुलिस टीम को दिया इनाम: व्यापारी अमृतलाल जैन ने पुलिस टीम को 11 हजार रुपए का इनाम चेक देकर सम्मानित किया। फरार दूसरे आरोपी की तलाश जारी है।

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उज्जैन : हत्या के आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

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उज्जैन। माकड़ौन थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
पुलिस के मुताबिक 22 दिसंबर 2021 को ग्राम रूपाखेड़ी निवासी आरोपी रमेश पिता प्रेमनारायण मोगिया (42) एवं ग्राम खजुरिया थाना कानवन निवासी अंतरसिंह पिता भंवरसिंह मोगिया (35) ने रंजिश के चलते राजाराम पिता कालूजी मोगिया (45) निवासी ग्राम चिरडी पर टामी से हमला कर हत्या कर दी थी। अपराध छिपाने के उद्देश्य से मृतक के शव को गांव में ही आरोपी रमेश के खेत में गाड़ दिया था। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।

जिसके बाद 22 मार्च 2022को तराना कोर्ट में चालान पेश किया गया। यह प्रकरण चिन्हित अपराध के रूप में चयनित होने से वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में निगरानी रखी गई। गवाहों के कथन समय पर करवाए गए और सबूत कोर्ट में पेश किए गए। जिसके बाद 23 सितंबर 2025 को अपर सत्र न्यायाधीश तराना ने आरोपी रमेश मोगिया एवं अंतरसिंह मोगिया को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की कठोर सजा सुनाई।

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