वाह रे मौसम…. एक साथ दिखे जैकेट, रेनकोट, छाते और कंबल

अक्षरविश्व लाइव :
सर्दी का मौसम शुरू होते ही लोगों ने रेनकोट और छाते संभाल कर रखे थे, लेकिन रविवार सुबह हुई तेज बारिश ने इन्हें निकालने के लिए मजबूर कर दिया। मौसम के कई मजेदार रूप देखने को मिले। सुबह हल्की बारिश होकर बंद हो गई थी तो लोग सामान्य कपड़े और गर्म कपड़े में घर से बाहर निकले, लेकिन इसके बाद फिर तेज बारिश शुरू हो गई। आगर रोड अंबे माता चौराहा पर महिला छाते से बारिश का बचाव करतीं दिखीं। कुछ युवक रेनकोट पहनकर बाइक पर देखे गए तो कुछ जैकेट पर। टॉवर चौक पर एक युवक ने गर्म कंबल से ठंड का बचाव किया।
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काली घटाओं से छाया अंधेरा फिर झमाझम बरसे बादल
सडक़ें तरबतर, तापमान में 2 डिग्री की गिरावट
उज्जैन। मानसून भले ही विदा हो गया लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के कारण शनिवार शाम से शहर में शुरू हुई बारिश रविवार को भी जारी रही। काली घटाओं और उसके बाद जमकर बरसे बादलों ने मानसून की याद दिला दी। करीब एक घंटे तक शहर में तेज बारिश हुई जिससे सडक़ें तरबतर हो गईं तो नालियां उफान पर आ गई। इस दौरान कई इलाकों में बारिश भी गुल हो गई जिसके बाद वहां के रहवासी संबंधित झोन कार्यालय में फोन घनघनाकर जानकारी लेते रहे।
दरअसल, शनिवार को सुबह से ही आसमान में बादलों का डेरा था जिसके चलते गर्मी और उमस से शहरवासी परेशान थे। शाम करीब 4 बजे आसमान में घने काले बादलों ने डेरा डाला और ऐसा लगा मानों रात हो गई। कुछ ही देर में आसमान से बूंदें बरसने लगी। करीब एक घंटे तक तेज बारिश हुई जिसने मौसम में ठंडक घोल दी। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया कि अरब सागर में तूफान आया है जिसके प्रभाव के चलते बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बना है जिसने पूरे देश को कवर किया हुआ है। इसी के चलते बारिश हुई है। फिलहाल एक-दो दिन इसी तरह की स्थिति रहेगी।
इसके बाद तूफान के आगे बढ़ जाएगा जिसके चलते मौसम साफ हो जाएगा। इस सिस्टम का असर रविवार को भी देखा गया। सुबह से बारिश का दौर शुरू हुआ, जो इलाकों के अनुसार कहीं तेज तो कहीं धीमी गति से जारी रहा। रात में वेधशाला में 7 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। अच्छी बारिश का असर शहर के तापमान में भी दिखाई दिया और रात का तापमान करीब 2 डिग्री तक गिर गया। 24 अक्टूबर को शहर में रात का तापमान 22.5 डिग्री था, जो 25 अक्टूबर को 22.4 डिग्री रहा। रविवार 26 अक्टूबर को यह गिरकर 20.7 डिग्री पर आ गया। अधिकतम तापमान में भी कमी देखी गई। 24 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री था, जो घटकर25 अक्टूबर को 32.0 डिग्री पर पहुंच गया।
डीडीए के मुताबिक फसलों के लिए फायदेमंद, किसानों के अनुसार नुकसानदायक
मावठे की बारिश को लेकर कृषि विभाग और किसानों के अपने-अपने दावे हैं। कृषि विभाग के अफसर बारिश को रबी फसलों के लिए बेहतर बता रहे हैं तो किसान नुकसान दायक। कृषि विभाग के उपसंचालक यूएस तोमर ने बताया कि जिले में ४.६७ लाख हेक्टेयर में रबी फसल की बोवनी का लक्ष्य है।
खाचरौद-बडऩगर में मटर की बोवनी हो चुकी है। तराना-महिदपुर में सरसों। शेष तहसीलों में गेहूं का रकबा रहेगा। बारिश से गेहूं में पलेवा करने की जरूरत नही होगी। मटर के लिए भी यह फायदेमेंद होगी। इधर रूनीजा के प्रगतिशील किसान तेजराम नागर का कहना है कि बेमौसम बारिश मटर की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाएगी। मटर के पौधे की जड़ें कमजोर होती हैं और वह नष्ट हो सकती हैं। इसी तरह लहसुन की बोवनी भी रुक गई है। उनके मुताबिक पीछे बोवनी करने वालों के लिए पानी फायदेमंद हो सकता है। खासकर गेहूं के लिए।










