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महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विवि में बवाल दो टीचर को फोर्स लीव पर भेजा, जांच जारी

शिक्षक की शिकायत करने वाले को छेड़छाड़ में फंसाने की कोशिश

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कार्य परिषद सदस्य के दखल से सामने आए सही हालात

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शहर के उच्च शिक्षा के केंद्र राजनीति का अखाड़ा बनते जा रहे हैं। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राचार्य और पूर्व प्राचार्य के बीच चल रही रस्साकशी अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि अब महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विवि से बवाल की खबर आई है। विवि के एक शिक्षक पर एक छात्र को यौन शोषण मामले में झूठा फंसाने के लिए साजिश रचने का आरोप लगा है। कार्यपरिषद सदस्य के समक्ष जब यह मामला आया तो सच तलाशने की कोशिश की गई। घटना के लिए जिम्मेदार दो टीचर को फोर्स लीव (जबरिया अवकाश) पर भेज दिया गया है। हालांकि कुलगुरु प्रो. शिवशंकर मिश्र ने कहा है कि जांच के चलते दोनों शिक्षकों को सेवा से विराम दिया गया था।

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दरअसल यह मामला एक सप्ताह पुराना बताया जा रहा है। शिक्षा शास्त्र (बीएड) की पढ़ाई कर रहे उज्जैन के एक छात्र (पहचान छिपाने के लिए नाम नहीं दिया जा रहा) ने उत्तराखंड के निवासी अतिथि विद्वान संतोष कांडपाल की शिकायत की थी। इसके मुताबिक कांडपाल क्लास लेते समय स्थानीय स्टूडेंट से मिसबिहेव करते हैं। वह स्टूडेंट पर पर्सनल टिप्पणी करते हैं। इस शिकायत की काट के लिए कांडपाल के समर्थन में 33 स्टूडेंट ने विभाग प्रमुख का पत्र लिख दिया और उनके व्यवहार को ठीक बताया।

इस बीच विभाग की ही तीन छात्राओं ने अपने दो साथियों (पहचान छिपाने के लिए नाम नहीं दिए जा रहे हैं) की छेड़छाड़ और अभद्र भाषा का प्रयोग करने की शिकायत कर दी। इस शिकायत की जानकारी जब कांडपाल के सहयोगी वीरेंद्र विश्वामित्र को लगी तो उन्होंने छात्राओं से कहकर उस छात्र का नाम भी शामिल करा दिया, जिसने कांडपाल की शिकायत की थी।

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छात्राओं का मामला होने से विभाग प्रमुख पूजा उपाध्याय ने तत्काल समिति गठित कर दी और जांच शुरू करवा दी। समिति की सचिव प्रीति उपाध्याय ने भी इस संबंध में लेटर जारी कर दिया। छेड़छाड़ जैसे गंभीर मसले में छात्र को झूठा फंसाने की जानकारी जब कार्यपरिषद सदस्य गौरव धाकड़ को मिली तो उन्होंने सच्चाई जानने की कोशिश की। इसमें यह सामने आया कि कांडपाल को बचाने और छात्र को फंसाने के लिए वीरेंद्र विश्वमित्रा ने हैरसमेंट की झूठी शिकायत करवाई थी। ऐसे में दोनों अतिथि विद्वानों को फोर्स लीव पर भेज दिया गया। मामले की जांच अभी चल रही है। फाइनल जांच होने के बाद अतिथि विद्वानों पर गाज गिर सकती है।

क्या है बीएनएस की इन धाराओं के मायने

182- झूठी जानकारी देना

211- गलत तरीके से झूठे केस में फंसाना

500- आपराधिक मानहानि

166- सरकारी कर्तव्य का दुरुपयोग

120 – प्रतिवादी पर कपटपूर्ण साजिश

छात्राओं ने छात्र का नाम झूठा लिया था

छेड़छाड़ दो अन्य छात्रों ने की थी। छात्राओं ने अतिथि विद्वान की शिकायत करने वाले छात्र का नाम झूठा लिखवा दिया था। इस मामले की जांच इंटरनल कमेटी कर रही है।
डॉ. पूजा उपाध्याय विभाग प्रमुख

छात्राओं की शिकायत पर जांच की जा रही है। किसी को सस्पेंड नहीं किया है। मामला सेक्सुअलहैरेसमेंट का नहीं है, सिर्फ कहासुनी का है।
डॉ. दिलीप सोनी, कुलसचिव
पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय

जांच के चलते विराम दिया था
संबंधित अतिथि विद्वानों पर आरोप हैं। चूंकि मामले की जांच जारी है, ऐसे में दोनों को विराम दिया था। रिपोर्ट आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विवि का माहौल अच्छा है।
प्रो. शिवशंकर मिश्र, कुलगुरु पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विवि

साजिश रचना सही पाया तो बीएनएस में प्रकरण दर्ज कराएंगे
लैङ्क्षगक अपराध में झूठा फंसाने की साजिश अगर सच साबित होती है तो संबंधितों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। यह प्रकरण बीएनएस की धारा 182, 211, 500, 166 और 120 में होगी।
गौरव धाकड़
सदस्य, कार्यपरिषद

शा. इंजीनियरिंग कॉलेज के दो लेक्चरार भी सस्पेंड

उज्जैन। विवादों में फंसे शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के दो लेक्चरार को प्राचार्य डॉ. जेके श्रीवास्तव ने निलंबित कर दिया है। श्रीवास्तव भी अभी रिलीव नहीं हुए हैं। वह लिखित आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है और यहां प्राचार्य डॉ. श्रीवास्तव और पूर्व प्राचार्य डॉ. उमेश पेंढारकर की टीमें एक दूसरे को पटखनी देने में लगी हैं। इसी कड़ी में बुधवार को प्राचार्य ने पेंढारकर खेमे के केमिकल विभाग के सहायक लेक्चरार डॉ. लोकेंद्रसिंह ठाकुर और मैथेमेटिक्स विभाग के लेक्चरार डॉ. एचके पटेल को निलंबित कर दिया।

निलंबन का यह कारण बताया

1. डॉ. ठाकुर पर जॉब में रहते हुए एमटेक करने, गलत तरीके से स्कॉलरशिप लेने, जांच में सहयोग नहीं करने, शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं करने और 23-24 नवंबर की रात बिना अनुमति कॉलेज परिसर में प्रवेश करने का आरोप लगाया गया है।

2. डॉ. पटेल पर 23-24नवंबर की रात कॉलेज परिसर में अनाधिकृत प्रवेश करने, गोपनीय दस्तावेजों की फोटोकॉपी करने का आरोप है।

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