संचार साथी ऐप ऑप्शनल, यूजर्स कर सकते हैं डिलीट : ज्योतिरादित्य सिंधिया

नई दिल्ली:संचार साथी ऐप को अपने मोबाइल फोन में रखना अनिवार्य नहीं है. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि संचार साथी ऐप ऑप्शनल है, अगर कोई चाहे, तो इसे अपने मोबाइल फोन से हटा भी सकता है. इसके जरिए न कोई स्नूपिंग होगा ना कॉल मॉनिटरिंग होगी. विपक्ष बेवजह इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है.
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दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट विनिर्माताओं और आयातकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी नये मोबाइल उपकरणों में धोखाधड़ी की सूचना देने वाला ऐप ‘संचार साथी’ पहले से मौजूद होना चाहिए. भारत सरकार के अनुसार व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि जैसे सभी मैसेजिंग ऐप्स अब हमेशा यूजर के डिवाइस में सक्रिय सिम कार्ड से लगातार लिंक रहेंगे. निर्देश के मुताबिक, सभी प्लेटफॉर्म्स को 90 दिनों में इन नियमों का अनुपालन करना होगा और 120 दिनों में विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी.
लोगों के लिए बेहद मददगार है ‘संचार साथी ऐप’
संचार साथी ऐप पर सवाल उठा रहे विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘विपक्ष मुद्दा तलाशना चाहता है, तो उसकी मदद हम नहीं कर सकते हैं. हमारी जिम्मेदारी यूसर्ज की मदद करने की, हमारी जिम्मेदारी है यूजर्स की सुरक्षा देखने की. संचार साथी ऐप के जरिए यूजर्स अपनी सुरक्षा खुद कर पाता है. ये एक जनभागीदारी है. लोगों को इसका विरोध नहीं, बल्कि स्वागत करना चाहिए. इस ऐप के जरिए आप ये पता लगा सकते हैं कि आप जो मोबाइल फोन खरीद रहे हैं, उसका IMEI नंबर असली है या नहीं. ‘
संचार साथी पोटर्ल के 20 करोड़ डाउनलोड हुए
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया, ‘अब तक संचार साथी पोटर्ल के 20 करोड़ डाउनलोड हुए हैं. ऐप के डेढ़ करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हुए हैं. ये सफल इसलिए हुआ है, क्योंकि देश का हर नागरिक इस अभियान का साथी बनना चाहता है. आज तक 1.75 फ्रॉड मोबाइल कनेक्शन इस ऐप के जरिए ही बंद किये गए हैं. 30 लाख चोरी हुए फोन की शिकायत इस पर दर्ज की गई. इसमें से 7.5 लाख फोन लोगों को वापस मिले हैं. कई ऐसी शक्तियां हैं, जो दूरसंचार का लगत इस्तेमाल कर लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उनके साथ फ्रॉड कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर लगाम लगाने के लिए ही ये ऐप लाया गया है.’









