टेलीस्कोप से खगोल प्रेमी देख सकेंगे चांद की सतह के गड्ढे

जीवाजी वेधशाला में आकाशीय अवलोकन शिविर में 3 फरवरी से

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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। यंत्रमहल मार्ग स्थित शासकीय जीवाजी वेधशाला में 3 फरवरी से खगोल प्रेमियों का जमावड़ा होगा। मौका होगा आकाशीय अवलोकन शिविर का जो 3 से 7 फरवरी तक लगाया जाएगा।वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया कि शाम 3 से रात 8  बजे तक लगने वाले शिविर में कैम्प में 10 साल के अधिक उम्र के बच्चे शामिल हो सकेंगे जिन्हें खगोलीय जानकारी देने के साथ टेलिस्कोप से चांद की सतह के गड्ढे, सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति की सतह की पट्टियों एवं उसके उपग्रहों, सबसे सुंदर ग्रह शनि को उसकी वलय के साथ, मंगल ग्रह को उसकी लाल आभा के साथ, धरती के नजदीकी ग्रह शुक्र को उसकी चंद्रमा की तरह कलाओं के साथ अवलोकन करवाया जाएगा। साथ ही प्रश्नों के रूप में उभरने वाली उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया जाएगा। कैम्प में शामिल होने वाले हर प्रतिभागी को २० रुपए शुल्क देना होगा।

आकाश में ग्रहों की हलचल

अधीक्षक डॉ. गुप्त ने बताया कि वर्तमान समय में हम आसमान में ग्रहों को अच्छे से देख पा रहे हैं। 3 फरवरी के संबंध में देखें तो सायन गणना के अनुसार सूर्य कुंभ राशि में 14 अंश 40 कला पर है और सूर्यास्त का समय शाम ६.१५ बजे है। पश्चिम की ओर क्षितिज से करीब ४५ अंश ऊपर सबसे चमकदार ग्रह शुक्र दिखाई दे रहा है।

शुक्र ग्रह मीन राशि 29 अंश 12 कला पर है। इसी प्रकार पश्चिम की ओर क्षितिज से लगभग ३० अंश ऊपर शुक्र के नीचे सबसे सुंदर शनि ग्रह दिखाई दे रहा है। शनि ग्रह मीन राशि में 17 अंश 41 कला और सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति मिथुन राशि 11 अंश 17 कला पर है। इसे शाम को सिर के ऊपर अच्छे से देखा जा सकता है।

धरती से समानता रखने वाला लाल ग्रह मंगल कर्क राशि में 19  अंश 50 कला पर है। मंगल ग्रह को सूर्यास्त के बाद पूर्व दिशा में क्षितिज से करीब ४५ अंश ऊपर चमकदार तारे के रूप में देख सकते हैं। चंद्रमा मेष राशि में 21 अंश 17 कला पर है। इसी प्रकार पश्चिम से पूर्व की ओर सूर्यास्त के बाद क्रम से शनि, शुक्र, बृहस्पति एवं मंगल ग्रह को बिना किसी उपकरण की सहायता से देखा जा सकता है।

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