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काउंटिंग की शुरुआत में सबसे पहले डाक मतपत्रों को गिनेंगे

लोकसभा चुनाव : उज्जैन के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 14-14 टेबल

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आलोट के वोट की गणना रतलाम जिला मुख्यालय पर ही की जाएगी

 

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन मध्य प्रदेश में मतदान की प्रक्रिया 13 मई को पूरी हो गई है, पर परिणाम की प्रतीक्षा प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं को भारी पड़ रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में अंतिम चरण का मतदान 19 मई को पूरा होने के पांचवे दिन 23 मई को ही परिणाम आ गया था, पर इस बार अंतिम चरण के मतदान 13 मई के बाद परिणाम के लिए लम्बी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। परिणाम चार जून को आएगा।

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2019 के चुनाव में चार दिन में सामने आ गया था परिणाम, इस बार भारी इंतजार पड़ रहा। इधर प्रशासन ने मतगणना की तैयारी प्रारंभ कर दी है। उज्जैन जिले की सातों विधानसभा क्षेत्र की मतगणना उज्जैन के इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी। इसके लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए १४-१४ टेबल लगाई जाएगी। आलोट के वोट की गणना रतलाम जिला मुख्यालय पर होगी। मतदान और परिणाम के बीच लंबा समय मिलने के कारण कई प्रत्याशी जिला पदाधिकारियों के साथ अपने लोकसभा क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। वह मतदान के लिए लोगों को धन्यवाद दे रहे हैं। साथ ही मतदान को लेकर फीडबैक भी ले रहे हैं। इधर मतगणना को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी प्रारंभ हो गई है।

अधिकारियों-कर्मचारियों को मतगणना के लिए 25 मई के बाद देंगे प्रशिक्षण

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अपर कलेक्टर महेंद्र कवचे ने बताया कि उज्जैन जिले की मतगणना शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी। मतगणना के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण 25 मई के बाद प्रारंभ होगा। मतगणना में ५०० से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों ड्यूटी लगाई जाएगी। चार जून को सुबह आठ बजे तक जो मतपत्र जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्राप्त होंगे, उन्हें गिनती में शामिल किया जाएगा। मतगणना के लिए कर्मचारियों को चिन्हित कर लिया है। सभी जिला मुख्यालयों पर मतगणना होगी, लेकिन डाक मतपत्र केवल 29 सीटों के जिला मुख्यालयों पर होगी। इसके लिए अलग से टेबल लगाई जाएगी। प्रत्येक टेबल पर एक माइक्रो आब्जर्वर रहेगा। प्रत्याशी इसके लिए अलग से अभिकर्ता नियुक्त कर सकते हैं।

इन मतपत्रों की भी होगी गिनती

सेवा मतदाताओं के जो मतपत्र जिला निर्वाचन अधिकारी को मतगणना वाले दिन सुबह आठ बजे तक प्राप्त हो जाएंगे, उन्हें गिनती में शामिल किया जाएगा। वहीं, 85 वर्ष से अधिक आयु, दिव्यांगता,और अत्यावश्यक सेवा वाले मतदाताओं के मतों की गिनती भी सेवा मतदाताओं के मतपत्रों के साथ होगी। चुनाव आयोग ने इस बार 85 प्रतिशत से अधिक आयु वाले मतदाताओं को घर से मत पत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा दी थी।

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