योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश हुए. अदालत (Supreme Court) के आदेश का उल्लंघन करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी. बता दें सुप्रीम कोर्ट में भ्रामक विज्ञापनमामले में सुनवाई हो रही थी.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण पर नाराजगी भी जताई. साथ ही कहा कि अदालत के आदेश को कमतर नहीं आंकना चाहिए.2 अप्रैल को भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. बता दें सुप्रीम कोर्ट में भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई हो रही थी. पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी. मामले में बाबा रामदेव व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए जारी किए गए समन के तहत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. साथ ही अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी.
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA) की याचिका सुनवाई चल रही थी, जो IMA ने दायर की थी. जिसमें पतंजलि के कोविड वैक्सीन और एलोपैथी का दुष्प्रचार करने की बात कही गई थी.
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को बुलाया था. 27 फरवरी, 2024 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने मधुमेह, बीपी, थायराइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया जैसी बीमारियों से ‘स्थायी राहत, इलाज और उन्मूलन’ का दावा करने वाले पतंजलि के इश्तेहारों को भ्रामक बताया था. उनपर रोक भी लगा दी थी.
रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के MD बालकृष्ण से तीन हफ्ते के अंदर जवाब भी मांगा था. लेकिन अदालत को रामदेव या पतंजलि की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला था.
19 मार्च 2024 को को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अवमानना नोटिस जारी किया था. जिसमें योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था.