महाकाल मंदिर के 500 मीटर के दायरे में निर्माण पर रोक, अब आयुक्त के पास पहुंचा

नगर निगम प्रशासन दायरा कम करने पर कर रहा मंथन

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। महाकाल मंदिर के 500 मीटर के दायरे में निर्माण पर लगी एक साल पुरानी रोक हटाने का मामला अब नगर निगम आयुक्ख्त के पास पहुंच गया है। सूत्रों के अनुसार निगम प्रशासन इस प्रस्ताव पर भी विचार कर रहा कि इसका दायरा 500 मीटर से घटाकर 250 मीटर कर दिया जाए।

महाकाल मंदिर के 500 मीटर के दायरे में निर्माण पर रोक तो है, लेकिन विसंगति यह कि कई लोगों ने अवैध निर्माण कर लिए और जो लोग नियम का पालन कर निर्माण करना चाह रहे, उन्हें परमिशन नहीं मिल रही। यह मामला नगर निगम सदन से पारित हो गया है किंतु निगम प्रशासन इसको लेकर उहापोह की स्थिति में है क्योंकि यह रोक निगम आयुक्त ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लगाई थी। अधिकृत सूत्रों के अनुसार मामला निगम आयुक्त के पास वापस पहुंच गया है।

निगम सभापति कलावती यादव ने रोक हटाने का प्रस्ताव आयुक्त के पास इस टिप्पणी के साथ भेज दिया है कि वे अपने विवेक से उचित निर्णय लें। निगम अधिकारी इसको लेकर उहापोह की स्थिति में हैं। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और दूसरी तरफ निगम सदन का प्रस्ताव उसके लिए दुविधा का विषय बना हुआ है। यह विचार भी किया जा रहा है कि 500 मीटर की जगह 250 मीटर दायरे में रोक लगाई जाए। हालांकि इस पर कोई अधिकृत प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन इसको लेकर चर्चा उठी है। यह भी कहा जा रहा है कि मामला सरकार के पास मार्गदर्शन के लिए भी भेजा जा सकता है। मामले में उपायुक्त कृतिका भीमावद से संपर्क नहीं हो सका। राजस्व समिति प्रभारी रजत मेहता के अनुसार अभी इस मामले में कोई निर्णय सामने नहीं आया है, लेकिन जल्द स्थिति साफ करनी चाहिए।

होटलों के निर्माण पर असर
महाकाल मंदिर के आसपास निर्माण पर रोक से सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ा है जो होटल बनाकर व्यवसाय करना चाह रहे, लेकिन विधिवत परमिशन न मिलने से उनकी योजनाएं आकार नहीं ले पा रहीं। जयसिंहपुरा, चारधाम मंदिर, हरसिद्धि मंदिर के पीछे, बेगमबाग कॉलोनी, महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी और पानदरिबा तक के कुछ हिस्से इससे प्रभावित हो रहे हैं। आवासीय निर्माण की भी अनुमति नहीं मिल पा रही है।

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