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IPL में गेंद पर लार लगाने से बैन हटा

BCCI ने IPL-2025 में गेंद पर लार लगाने की रोक को हटा दिया है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, बोर्ड की IPL कमेटी ने गुरुवार को मुंबई में कप्तानों के साथ मीटिंग में सहमति के बाद यह फैसला लिया। हालांकि इस पर अभी बोर्ड ने आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

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बोर्ड ने 2020 में कोरोना की बीमारी की वजह से इस पर रोक लगा दी थी। हालांकि ICC ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अब तक इस नियम पर ढिलाई नहीं दी है।मीटिंग में कमर से ऊपर की नो-बॉल और ऑफ या लेग स्टंप के बाहर होने पर वाइड के लिए DRS लिए जाने को भी मंजूरी दी गई।

बॉल पर लार लगाने से सबसे ज्यादा मदद तेज गेंदबाजों को मिलती है। इससे गेंद स्विंग अच्छी होती है। आपने नोटिस किया होगा कि बॉलर्स और फील्डर गेंद को कपड़े से रगड़ते और लार लगाते रहते हैं।

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दरअसल, वे गेंद की शाइन को एक तरफ बरकरार रखने की कोशिश करते हैं। जिससे गेंद स्विंग को कराने में आसानी हो। इस चक्कर में कई बार वो गेंद के साथ ज्यादा छेड़खानी कर देते हैं, जो बॉल टेम्परिंग के दायरे में आता है।

मोहम्मद शमी ने चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान गेंद पर लार लगाने के नियम में बदलाव करने की मांग की थी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘मॉडर्न डे क्रिकेट गेंदबाजों के लिए सख्त हो चुका है। रिवर्स स्विंग कराना मुश्किल है, लेकिन ICC ने गेंद पर लार लगाना बैन कर रखा है।

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जब गेंदबाज बॉल पर लार लगाकर घिसता है, तो बॉल घिसे गए साइड में चिकनी हो जाती है। जबकि दूसरी साइड खुरदुरी हो जाती है। तेज गेंदबाज जब बॉलिंग करता है तो गेंद हवा में खुरदुरी साइड की ओर स्विंग करती है, इसी को रिवर्स स्विंग कहते हैं।

क्रिकेट में कन्वेंशनल स्विंग भी होता है। ये नई गेंद के साथ पॉसिबल है, जब गेंद पर दोनों तरफ शाइन (चिकनी) रहता है। इसमें गेंदबाज अपने हाथ और कलाइयों की स्किल से गेंद को दोनों तरफ स्विंग करता है। वहीं गेंद पुरानी होने पर रिवर्स स्विंग होने लगती है।

 

 

 

 

 

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