कां ग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वालों की होड़ मची हुई है। दलबदल करने वालों में इसे लेकर खींचतान भी है। कई का नई पार्टी में स्वागत हो रहा है,तो कुछ को पार्टी में शामिल करने से गुरेज भी किया जा रहा है। इसी क्रम में ‘मान न मान मैं तेरा मेहमानÓ की स्थिति भी सामने आ रही है।
दरअसल तराना के कुछ कांग्रेस नेताओं भाजपा उम्मीदवार का जनसंपर्क के दौरान स्वागत कर प्रचार किया। इसके साथ ही स्वयं घोषणा कर दी कि वे भाजपा में शामिल हो गए है। इसके बाद भाजपा का प्रचार करने में जुट गए। इतना सब होने के बाद भी भाजपा संगठन की ओर से उक्त कांग्रेसी नेताओं को पार्टी में शामिल करने की बात को सिरे से खारिज किया जा रहा है,फिर भी कांग्रेसी खुद को भाजपाई बता रहे है।
प्रत्याशी बताएंगे अपना अपराध
लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों को बताना होगा कि उन्होंने क्या अपराध किया है। प्रत्येक प्रत्याशी को मतदान से 48 घंटे पहले 3 बार देनी होगी अपने ऊपर लगे मुकदमों की जानकारी। अभ्यर्थियों को आपराधिक केस विवरण की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना जरूरी है। पहला विज्ञापन अभ्यर्थिता को नाम वापसी से 4 दिन के अंदर तो दूसरा नाम वापसी के पांचवें दिन से आठवें दिन के बीच और तीसरा नाम वापसी के नौवें दिन से प्रचार समाप्ति के पूर्व मतदान के दो दिन पहले तक कराना होगा। यह विज्ञापन से राष्ट्रीय समाचार पत्र या मीडिया में होना चाहिए।
‘उपहारों’ पर भी नजर
लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर नकदी, शराब और नशीली दवाओं के साथ-साथ रेडीमेड कपड़ों, बीड़ी-सिगरेट, ग्रेनाइट स्टोन, सेरेमिक टाइल्स ओर उपहार में देने योग्य सामग्री पर भी चुनाव आयोग की नजर है। आयोग के लिए अलग-अलग जांच एजेंसियां कीटनाशक की भी धरपकड़ कर रही हैं, ताकि कोई उम्मीदवार इनके बदले किसानों से वोट की मांग नहीं कर दें। लोकसभा चुनाव में पहली बार हो रहा है, जब आयोग के लिए अलग-अलग जांच एजेंसियां इस तरह की सामग्रियों की आवाजाही पर नजर रखे हैं। इनमें सेंट्रल जीएसटी, ईडी, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस शामिल हैं। इस तरह का सामान ट्रांसपोर्टर या व्यापारी द्वारा बिल नहीं दिखाने पर ही पकड़ा जा रहा है।
क्या मोदी की सभा होगी उज्जैन…?
भाजपा खेमे में इस बात की खासी चर्चा है कि क्या नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए आने वाले है दरअसल लोकसभा चुनाव के अब तक के प्रचार में यही पैटर्न सामने आया है कि मोदी की पहली पसंद ऐसी सीटें होती हैं,जहां भाजपा ने नया उम्मीदवार उतारा है। मोदी को कौन सी सीट पर जाना चाहिए, कहां रोड शो करना चाहिए और कहां जनसभा लेनी चाहिए, यह सारा फीडबैक राज्य इकाई की तरफ से दिया जाता है। प्रदेश भाजपा के नेता भी कहते हैं कि जहां पार्टी को जरूरत महसूस होती है वहां मोदी के दौरे की डिमांड की जाती है। ऐसे में यह सवाल चर्चा में है कि मोदी की उज्जैन में सभा होगी या नहीं…।
द्द शैलेष व्यास