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सिंहस्थ के हरियाखेड़ी प्रोजेक्ट पर आज मंथन

एसएलटीसी से टेंडर पास, अब एमआईसी में विरोध के आसार

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। आने वाले सिंहस्थ 2028 के दौरान मेला क्षेत्र और शहर में पेयजल की उपलब्धता के लिए सरकार ने करीब 936 करोड़ के हरियाखेड़ी प्रोजेक्ट को मंजूरी तो दे दी है लेकिन निगम प्रशासन अब तक इस योजना को धरातल पर उतार नहीं सका है। अभी यह टेंडर स्वीकृति की प्रक्रिया में अटका हुआ है। इस प्रोजेक्ट को लेकर भी आंतरिक घमासान मचा हुआ है क्योंकि ठेकेदार ने अधिक दर का टेंडर लगाया है।

टेंडर की दर स्वीकृति का प्रस्ताव आज एमआईसी की बैठक में रखा जाएगा। हरियाखेड़ी में पेयजल व्यवस्था के लिए 100 एमएलडी का बड़ा ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। इसे सेवरखेड़ी सिलारखेड़ी प्रोजक्ट से जोड़कर पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना अभी टेंडर प्रक्रिया में उलझी हुई है। करीब 934 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का काम अभी शुरू नहीं हो सका है। इसके पीछे बड़ी वजह यह कि एक बार जो टेंडर जारी किया गया था, वह निरस्त हो गया था। दोबारा टेंडर की शर्तों में से विवादित शर्तों को हटाने के बाद राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एसएलटीसी) को भेजा गया था, जिसने टेंडर को पास कर दिया है।

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एमआईसी की विधिवत मंजूरी के बाद प्रोजक्ट का काम शुरू किया जाएगा। बड़ा और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट होने के कारण सिंहस्थ 2028 से पहले इसे शुरू करना एक बड़ी चुनौती है। कम समय में प्रोजेक्ट पूरा किया जाना है और अभी ठेकेदार कंपनी को वर्क ऑर्डर ही नहीं दिया जा सका है। इसी एमआईसी बुलाई गई है, जिसमें सदस्यों के सामने यह पेश किया जाएगा। सभी सदस्यों का समर्थन मिला तो इसे स्वीकृति दे दी जाएगी। हालांकि इसको लेकर विरोध के सुर उठ सकते हैं। विरोध के बीच इसको हरी झंडी मिलने की संभावना ज्यादा है क्योंकि सिंहस्थ के पहले इसे शुरू करना जरूरी है और कई दिनों से इसके लिए आंतरिक उठापटक का दौर चल रहा है।

अधिक दर का टेंडर, 140 करोड़ का भार: सूत्रों के अनुसार टेंडर स्वीकृति में बड़ी समस्या इसको लेकर बनी हुई है कि जिस कंपनी का टेंडर खुला है, उसने 22 फीसदी अबव यानी ज्यादा दरों पर टेंडर लगाया था लेकिन शासन स्तर पर इसे कुछ विवादित शर्तों के कारण स्वीकृति नहीं मिल सकी थी। अब उन शर्तों को हटाकर स्टेट लेवल टेक्निकल कमेटी ने इसे स्वीकृति दे दी है। 22 फीसदी ज्यादा दर का टेंडर होने के कारण योजना पर करीब 140 करोड़ रुपए का भार बढ़ जाएगा। इसको लेकर एमआईसी में कुछ सदस्य विरोध दर्ज करा सकते हैं।

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टेंडर मंजूरी के के लिए कंपनी कर रही भागदौड़: टेंडर को जल्द मंजूरी मिल जाए, इसके लिए कंपनी भागदौड़ कर रही है ताकि रास्ते की सभी बाधाएं दूर हो जाएं। इसके चलते एसएलटीसी ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। अब बुधवार को एमआईसी की स्वीकृति होने की संभावना है। दरअसल, पहले एमआईसी की प्रत्याशा में यह प्रोजेक्ट सरकार के पास भेज दिया गया था।

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