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स्ट्रीट डॉग्स के आगे निगम बेबस

न पकडऩे के साधन न रखने के, पांच साल से नसबंदी करने वाली एजेंसी भी नहीं, सिर्फ बैठक में कर रहे चिंता

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उज्जैन। स्ट्रीट डॉग्स की समस्या अक्षरविश्व ने मंगलवार के अंक में प्रमुखता से उठाई थी। शाम को ताबड़तोड़ महापौर ने अधिकारियों के साथ मीटिंग की। जिसमेें चर्चाएं तो खूब हुई, लेकिन निर्णय नहीं। मीटिंग से जो जानकारी छनकर बाहर आई है उससे साफ है कि नगर निगम के पास फिलहाल स्ट्रीट डॉग्स की समस्या का कोई हल नहीं है।

 

नसबंदी का झूठा दावा जबकि एजेंसी ही नहीं
बैठक मेें सामने आया है कि नगर निगम पिछले 5 बरसों में30696 स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी करा चुका है। ऐसा दावा महापौर के समक्ष निगम के अधिकारियों ने किया है। सवाल यह है कि जब नगर निगम के पास पिछले पांच सालों से नसबंदी के लिए कोई एजेंसी ही नहीं है तो फिर नसबंदी कैसे हो गए।

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बैठक बिना किसी निर्णय के खत्म:बैठक में बात उठी कि निगम के पास वाहन तो है लेकिन डॉग्स पकडऩे की टीम नहीं है। अगर डॉग्स पकड़ भी लिए जाएं तो उन्हें रखेंगे कहां, खिलाएंगे क्या और नसबंदी के लिए तो कोई एजेंसी भी नहीं है। सदावल स्थित कुत्ता घर (शेल्टर होम) भी छोटा है। इस तरह की चर्चाओं के बीच बिना किसी निर्णय के निगम अधिकारियों की बैठक समाप्त हो गई।

डेढ़ साल में 30 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा उज्जैन शहर की 7 लाख आबादी में करीब ३५ हजार से ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स हैं। 2024 में 19949 और जनवरी से जून (2025) तक 10296 कुत्ते की काटने घटनाएं सामने आई। दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। उज्जैन में इसी साल मई में 1417,जून में 1552 और जुलाई में 1512 डॉग बाइट की घटना हुई है।

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स्ट्रीट डॉग्स देशव्यापी समस्या, लेकिन हल नहीं
स्ट्रीट डॉग्स की अधिक संख्या देशव्यापी समस्या हो गई है। दिल्ली में हुई घटनाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कड़े आदेश दिए तो प्रशासनिक अमले में कुछ करने की इच्छा जागी। लेकिन तुरत-फुरत कोई हल सामने नहीं आ रहा।

नगर निगम के पास संसाधन ही नहीं: स्ट्रीट डॉग्स कंट्रोल करने के लिए नगर निगम के पास संसाधन ही नहीं है। समय पर भुगतान नहीं होने के कारण नसबंदी करने वाली एजेंसी ने 5 साल पहले ही काम बंद कर दिया। ऐसे हालात में दूसरी एजेंसी भी काम करने को तैयार नहीं। निगम के पास न शेल्टर हाउस है, न गैंग हैं और न ही इनके भोजन की व्यवस्था। सिर्फ बैठकें कर खानापूर्ति कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कदम उठाएंगे: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुत्तों को पकडऩे की कार्यवाही कर रहे। लोगो को नुकसान पहुंचाने वाले कुत्तों को कुत्ता घर पहुंचाने की व्यवस्था की जायेगी। कोर्ट के निर्णय के बाद कई लोगो के काल आ रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से राय लेकर कार्यवाही करेंगे।
-मुकेश टटवाल, महापौर

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