डेयरी हाईटेक बने, सीएम की पहल

By AV News

विकास, रोजगार के अवसरों को लगे उम्मीद के पंख…!

दुग्ध संघ ने अनुमोदित किया है कॉलेज का प्रस्ताव

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज खोलने के प्रस्ताव के बाद केवल मालवा-निमाड़ ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में डेयरी सेक्टर में विकास के साथ रोजगार के नए और अधिक अवसरों की उम्मीद को पंख लग गए है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और मध्यप्रदेश दुग्ध फेडरेशन के बीच समझौते के बाद अब डेयरी टेक्नोलॉजी एजुकेशन की दिशा में काम करने के लिए कॉलेज प्रारंभ करने की योजना पर काम होने लगा है।

दुग्ध संघ ने उज्जैन में प्रदेश के पहले डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज स्थापित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर शासन को भेजा है। दुग्ध संघ उज्जैन के एजीएम सुनील वर्मा के अनुसार दुग्ध संघ के पास करीब 26 एकड़ जमीन उपलब्ध है। डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज दुग्ध संघ की जमीन पर बनेगा। कॉलेज के लिए आगे की प्लानिंग शासन स्तर पर विशेषज्ञों के साथ तैयार होगी। कॉलेज का पूरा सेटअप तय होने में अभी कुछ समय लग सकता है,लेकिन यह तय है कि डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज के प्रारंभ होने से डेयरी सेक्टर में विकास के साथ रोजगार के नए अवसर मिलना तय है।

डेयरी से जुड़े तथ्य

डेयरी टेक्नोलॉजी में दूध के प्रसंस्करण, पैकेजिंग, भंडारण, वितरण, और परिवहन से जुड़ी गतिविधियां शामिल हैं।

डेयरी क्षेत्र में कॅरिअर के ढेरों अवसर मिल सकते हैं। यह फूड टेक्नोलॉजी और प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का हिस्सा है।

डेयरी टेक्नोलॉजी में बायोकेमिस्ट्री, बैक्टीरियोलॉजी और न्यूट्रीशन साइंस का उपयोग किया जाता है। स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर आवेदकों के लिए विशिष्ट डेयरी नवाचार पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।

डेयरी टेक्नोलॉजी में स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और साथ ही डिप्लोमा किया जा सकता हैं। कई संस्थानों में इसके डिग्री और डिप्लोमा कोर्स मौजूद हैं।

फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स या बायोलॉजी में 10+2 कर चुके छात्र डेयरी टेक्नोलॉजी के स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं।

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