‘गंभीर’ चिंता दूर : डेम फुल, गेट खोलना पड़ा

By AV NEWS

रात 11 बजे यशवंत सागर का गेट खुलने पर शुरू हुई पानी की आवक

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। शहर में जलप्रदाय का मुख्य स्त्रोत गंभीर डेम अपनी पूरी क्षमता 2250 एमसीएफटी तक भर चुका है। सावन माह बीतने के बाद भी गंभीर डेम पूरी तरह नहीं भरने से शहरवासी चिंतित थे, लेकिन भादौ मास की बारिश ने लोगों की चिंता दूर कर दी है और अब पूरी तरह भर चुके गंभीर डेम का एक गेट खोलकर पानी आगे बहाया जा रहा है।

गंभीर डेम प्रभारी राजीव शुक्ला ने बताया कि बीती रात यशवंत सागर का एक गेट खोलकर पानी बहाया जा रहा था वही पानी तेजी से गंभीर डेम की तरफ आया और डेम अपनी क्षमता 2250 एमसीएफटी तक भर गया लेकिन पानी की आवक जारी थी। ऐसी स्थिति में गंभीर डेम का गेट नंबर 3 को 1 फीट तक खोलकर पानी आगे बहाया जा रहा है। वर्तमान में डेम के लेवल को 2206 एमसीएफटी पर मेंटेन कर रहे हैं क्योंकि यशवंत सागर की ओर से छोड़ा गया पानी धीमी गति से गंभीर की ओर बढ़ रहा है। डेम प्रभारी शुक्ला ने बताया कि यशवंत सागर का गेट रात 2.45 बजे बंद हो गया था।

पहले सायरन बजाया, फिर खोला गेट…

डेम का गेट खोलने से पहले सायरन बजाया गया। जिससे डेम के नीचे कोई भी व्यक्ति या चरवाहा हो तो वह अपने को सुरक्षित कर ले। इसके बाद गेट खोलने के लिए बटन दबाया जाता है। बटन दबाते ही 100 एचपी के पंप चालू हो जाते हैं।

1900 एमसीएफटी स्टोर था

पिछले दिनों इंदौर, उज्जैन संभाग में हुई तेज बारिश के बाद यशवंत सागर के गेट खोले गये थे वहीं गंभीर बांध के केचमेंट एरिया का पानी भी डेम में स्टोर हुआ तब कहीं जाकर डेम में 1900 एमसीएफटी पानी स्टोर हो पाया था। डेम को पूरी क्षमता से भरने के लिये बारिश की एक और झड़ी का इंतजार था और बीती रात फिर से इंदौर-उज्जैन संभाग में बारिश का दौर शुरू होने के बाद डेम अपनी पूरी क्षमता से भर गया।

कब कैसे भरा डेम

23 अगस्त को 469 एमसीएफटी था

24 अगस्त को 854 एमसीएफटी हुआ

25 अगस्त को 1264 एमसीएफटी पर पहुंचा

30 अगस्त की शाम तक 1900 एमसीएफटी था

एक संकट टला, दूसरा अभी बरकरार…

जलसंकट का एक खतरा तो कुदरत के कारण दूर हो गया है, लेकिन जलप्रदाय सिस्टम पर छाया संकट अभी भी बरकरार है। गंभीर डेम से जलप्रदाय के लिए जो सिस्टम और पाइपलाइन बिछाई गई है वे काफी पुरानी हो चुकी हैं। इस कारण बार बार लाइनें लीकेज होती हैं तो कभी सिस्टम बैठ जाता है। इसके लिए पीएचई ने करीब ढाई सौ करोड़ रुपए का पैकेज मांगा है। सिस्टम में सुधार के बाद ही जलसंकट दूर हो सकता है। हालांकि पीएचई भी इस समस्या को दूर कर सकता है। अवैध नल कनेक्शन वालों से वसूली की जाए तो पीएचई को सरकार के भरोसे बैठना नहीं पड़ेगा, लेकिन न अवैध नल कनेक्शन काटे जा रहे न उनसे वसूली के लिए कोई सिस्टम बनाया जा रहा।

अभी 1 दिन छोड़कर हो रहा जलप्रदाय

शहर में फिलहाल एक दिन छोड़कर जलप्रदाय हो रहा है। इसके लिए डेम के फिल्टर प्लांट पर किराए का ट्रांसफर लगाया गया है। मंडलेश्वर से पीएचई को किराए का ट्रांसफार्मर लेना पड़ा और इसी से काम चल रहा। इस कारण पीएचई पर किराए का भार भी बढ़ रहा। पिछले दिनों महापौर और निगम व पीएचई अफसरों ने गंभीर डेम का निरीक्षण भी किया था।

हालांकि डेम पूरी क्षमता से नहीं भरने के कारण शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय पर विचार नहीं हो पाया। अब जबकि डेम अपनी पूरी क्षमता से भर चुका है ऐसी स्थिति में जनप्रतिनिध व निगम के अफसर शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय पर विचार कर सकते हैं।

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