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दिवाली नजदीक, सड़क पर फैली गंदगी, धंधा चौपट

तेलीवाड़ा-निजातपुरा मार्ग चौड़ीकरण के कारण रहवासियों की हालत सांप-छछूंदर जैसी

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ के लिए छह महीने पहले शुरू हुए शहर के दो प्रमुख मार्गों पर फैली लापरवाही ने रहवासियों और दुकानदारों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। खुद अपने हाथों से मकान तोड़कर मिसाल पेश करने वाले यहां के रहवासी अब बुरी तरह परेशान हो गए हैं। धंधा चौपट हो गया है और कीचड़-गंदगी, मच्छरों ने रहना मुश्किल कर दिया है।

करीब छह महीने पहले 14 मई को कोयला फाटक से निजातपुरा-इंद्रप्रस्थ टावर तक एवं बियाबानी चौराहे से लेकर तेलीवाड़ा तक तोडफ़ोड़ की कार्रवाई नगर निगम ने शुरू की थी। नगर निगम अमले ने कुछ ही हिस्सा तोड़ा, लेकिन रहवासियों ने सहयोग करते हुए खुद ही अपने हाथों से घर-दुकान तोड़ दी थी, ताकि समय पर बारिश के पहले यहां सड़क-नाली बनाई जा सके।

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रहवासियों ने तो अपना काम समय पर किया लेकिन नगर निगम बारिश बीतने के बाद भी सड़क, नाली का काम पूरा नहीं कर पाई है। ऐसे में यहां हालात विकट हैं। सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है। मलबा सड़क पर पड़ा है। जिसमें गंदगी और कीचड़ हो रहा है। मच्छरों की भरमार है। यहां की कामकाज ठप है और दुकानदार ठीक दीपावली के पहले हाथ-पर-हाथ धरे बैठे हैं और संभावित नुकसान से दु:खी हैं।

लापरवाही के दुष्परिणाम : कई गलियों के रास्ते बंद

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क्षेत्र में जगह-जगह सड़कें खुदी हैं। इमली गली सहित कई रास्ते बंद हैं। लोग घूमकर आ-जा रहे हैं।

निर्माणकर्ता मनमर्जी से खुदाई कर रहा। नाली के लिए १ मीटर जगह चाहिए, तीन मीटर खोद दी। अब गड्ढा खुला पड़ा है।

मोहन टॉकीज के सामने बिना कारण सड़क खोद दी। अधिकारियों ने आपत्ति ली तो उसे मिट्टी से पूर दी।

सड़क खुदाई के वक्त पीएचई की लाइन फोड़ दी।

ठेकेदार के कर्मचारी रात में शराब पीकर काम कर रहे और डंपर चला रहे हैं। पिछले दिनों लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था।

सुनवाई नहीं हो रही, अब धरने पर बैठेंगे
यहां की समस्याओं से नगर निगम व जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को बार-बार अवगत कराया जा चुका है। काम में तेजी नहीं आ रही है। पिछले छह महीने से कामकाज ठप है। दीपावली सीजन भी व्यापारी नहीं कर पाएंगे। अगर काम मेें सुधार नहीं होता है तो धरने पर बैठेंगे।
पूनम मोहित जायसवाल, क्षेत्रीय पार्षद

दीपावली के पहले राहत देने की तैयारी
संबंधित ठेकेदार को काम मेें तेजी लाने के निर्देश दे चुके हैं। वरिष्ठ अधिकारी खुद नजर रखे हुए हैं। नगर निगम के अमले से दीपावली के पहले सफाई व्यवस्था और दुरुस्त करवाएंगे। ताकि लोगों को आने-जाने में सुविधा हो।
मुकेश टटवाल, महापौर

रहवासियों की पीड़ा : उन्हीं की जबानी

धंधा ठप पड़ा है, शिकायत के बाद भी निराकरण नहीं
कोतवाली के सामने स्थित फैशन गारमेंट संचालक घनश्याम पोरवाल ने बताया कि उन्होंने १ लाख रुपए महीने पर दुकान व बिल्डिंग किराए पर ली है। अभी सीजन का समय चल रहा है। दुकान के सामने गंदगी और नाली का पानी बह रहा है, मलबाफैला हुआ है। गंदगी के कारण ग्राहक भी नहीं आ रहे। मेरा तो धंधा ही ठप पड़ा है। पार्षद व सीएम हेल्पलाइन पर कई बार शिकायत कर चुका है, लेकिन निराकरण नहीं हो रहा।

मच्छरों ने जीना मुश्किल कर दिया, लोग बीमार हो रहे हैं
यहां की रहवासी गृहिणी मंजू गुप्ता का कहना है कि 6 महीने से घर के सामने मलबा पड़ा है। नाली का पानी सड़कों पर बह रहा है। जगह-जगह पानी से भरे गड्ढे हैं। मच्छरों की समस्या गंभीर हो चुकी है। दिन-रात काटते हैं। कई घरों में लोग बीमार हो रहे हैं। गंदगी व मच्छर के कारण गंभीर बीमारियों का खतरा बना हुआ है।

सड़क पर गंदगी, दर्शन को नहीं आ पा रहे दर्शनार्थी
राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पं. राघवेंद्र दुबे ने बताया कि सड़कों पर फैली गंदगी के कारण बड़ी मुसीबत है। कई त्यौहार ऐसे ही निकल गए। दिवाली का त्योहार सिर पर है। मच्छरों के कारण बैठना दुश्वार हो गया है। नगर निगम ना तो यहां सफाई कर रहा है और ना ही मच्छरों को मारने की व्यवस्था। गंदगी के कारण मंदिर में दर्शन के लिए दर्शनार्थी भी नहीं आ पा रहे हैं।

छह महीने से बिना व्यापार किराया भर रहा हूं दुकान का
निजातपुरा क्षेत्र के दुकानदार श्यामसुंदर शर्मा का कहना है कि 7000 रुपए महीना मकान और 7000 रुपए महीना दुकान का किराया जमा करता हूं। पिछले छह महीने से व्यापार ठप है। सड़क पर मलबा व गंदगी के कारण ना तो दुकान चल रही है और न ही घर में ठीक से रह पा रहा हूं। घर के सामने पड़ा पानी फैला रहता है। कीचड़ हो रहा है। बुरी तरह परेशान हैं।

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