वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। राष्ट्रपति के तौर पर यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा। पहले ही दिन वह अपने ओवल ऑफिस में 100 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे। इनका मुख्य मकसद उनके चुनावी वादों को पूरा करना है।
भारतीय समय के अनुसार रात 9:30 बजे 78 वर्षीय ट्रंप शपथ लेंगे। उन्हें अमेरिका के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स शपथ दिलाएंगे। शपथ के दौरान ट्रंप दो बाइबल का इस्तेमाल करेंगे। इनमें एक उन्हें उनकी मां ने दी थी, जबकि दूसरी लिंकन बाइबल होगी। शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप उद्घाटन भाषण देंगे।
इसमें वह देश के लिए अपने दृष्टिकोण व आगामी प्रशासन की प्राथमिकताओं को सामने रखेंगे। ट्रंप की मां ने 1955 में न्यूयॉर्क के जमैका में फर्स्ट प्रेस्बिटेरियन चर्च में प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई के दौरान उन्हें बाइबल दी थी, जिसके कवर के निचले हिस्से पर ट्रंप का नाम लिखा है। इसके अलावा शपथ ग्रहण समारोह में लिंकन बाइबल का भी इस्तेमाल किया जाएगा। लिंकन बाइबल का पहली बार इस्तेमाल चार मार्च 1861 को 16वें राष्ट्रपति (अब्राहम लिंकन) के शपथ ग्रहण समारोह में किया गया था। उसके बाद से अब तक इसका इस्तेमाल केवल तीन बार किया गया है।
अमेरिका के हर संकट को दूर करने की कसम खाई
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथग्रहण की पूर्व संध्या पर अपने समर्थकों और देशवासियों से वादा किया कि वह अमेरिका के सामने आने वाले हर संकट को दूर करने के लिए तेजी से कार्य करेंगे। ट्रंप ने ‘कैपिटल वन एरिनाÓ स्टेडियम में अपने समर्थकों से कहा, कल से मैं तेजी से और मजबूती से काम करूंगा तथा हमारे देश के सामने आने वाले हर संकट का समाधान करूंगा। हमें यह करना ही होगा।
ट्रंप की जीत के जश्न में स्टेडियम में ”मेक अमेरिका ग्रेट” कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। स्टेडियम की क्षमता 20,000 लोगों की है, जो दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था, इसके अलावा कड़ाके की ठंड में बड़ी संख्या में लोग स्टेडियम के बाहर जमा थे। ट्रंप (78) ने पिछले साल हुए आम चुनाव में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराकर शानदार वापसी की और चार साल के अंतराल के बाद राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले वह अमेरिकी इतिहास में दूसरे व्यक्ति बन गए हैं।
कार्यकारी आदेशों में कानून की ताकत
कार्यकारी आदेश राष्ट्रपति की तरफ से जारी किया जाने वाला एकतरफा आदेश होता है। इसमें कानून की ताकत होती है, पर इन आदेशों को कांग्रेस यानी अमेरिकी संसद की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती। संसद कार्यकारी आदेशों को पलट नहीं सकती, लेकिन अदालत में उन्हें चुनौती दी जा सकती है।
बाइडन के फैसलों को पलट सकते हैं
बाइडन के कुछ कार्यकारी आदेशों को वापस भी ले सकते हैं, जिसमें पेरिस जलवायु समझौता प्रमुख है। ट्रंप ने प्रतिबंधित एप टिकटॉक को 90 दिन का समय देने का भी ऐलान किया है। ट्रंप अपने 1,500 से अधिक समर्थकों को भी माफ कर सकते हैं, जिन्हें चार साल पहले यूएस संसद पर हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
दर्जनभर से अधिक विदेशी मेहमान आएंगे
ट्रंप के प्रशासन की ओर से इस बार भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी जैसे नेताओं को अपने समारोह में आमंत्रित किया है। हालांकि, शी जिनपिंग खुद नहीं आएंगे, उन्होंने अपनी जगह अपने उपराष्ट्रपति हान झेंग को भेजने का फैसला किया है।