अब तक के 17 चुनाव में कांग्रेस को केवल 5 बार सफलता मिली
उज्जैन। सन 1952 में अस्तित्व में आने के बाद से उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र में अभी तक 17 चुनाव हुए है। इसमें कांग्रेस को केवल 5 बार ही सफलता हाथ लगी है। अभी तक के चुनाव में सबसे अधिक सात बार सांसद रहे है। वे दो चुनाव हारे भी है।
उज्जैन-आलोट लोकसभा संसदीय सीट। आठ विधानसभाओं वाली इस सीट पर 195२ से 2019 तक 17 बार चुनाव हुए। इनमें से 12 बार भारतीय जनसंघ,भारतीय लोकदल,जनता पार्टी और भाजपा को सफलता मिली है। वही कांग्रेस के केवल 5 सांसद चुने गए। 13 मई को होने जा रहे चुनाव में भाजपा इस सीट को रिकॉर्ड तोड़ 5 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतने के प्रयास में हैं, तो वहीं कांग्रेस 10 साल बाद पुन: सीट पर कब्जा करने के लिए मेहनत कर रही है।
वर्ष 1952 से 1962 तक के उज्जैन-आलोट लोकसभा सीट सामान्य थी । यह सीट1967 में ये अजा वर्ग के लिए आरक्षित हुई। छह दशक से अधिक के दौर में इस लोकसभा में कई तरह के परिर्वतन हुए और राजनीतिक रूप से भी कई उतार-चढ़ाव देखने को भी मिले हैं। वर्ष 1957 में लोकसभा में करीब 3.86 लाख मतदाता थे, ये संख्या अब बढ़कर 17 लाख से अधिक पहुंच गई है। खास ये कि जबसे यह सीट अजा आरक्षित हुई, तब से राजनीतिक दल प्रत्याशी चयन में जातिगत समीकरणों पर भी जोर देते आ रहे हैं लेकिन परिणामों पर नजर दौड़ाए तो मतदाता इस आधार को एक तरह से नकारते रहे हैं।
वास्तविकता यह है कि इस सीट पर जातिगत फैक्टर की बजाए लहर, मुद्दों व व्यक्तिगत छवि के आधार पर सांसद चुने जाते रहे हैं। गौरतलब है कि भाजपा का गठन 6 अप्रैल 1980 को हुआ। इसके पहले भाजपा को 1951 से भारतीय जनसंघ व इसके बाद 1977 में जनता पार्टी के नाम से जाना जाता था।
1798704 मतदाता करेंगे मतदान….. उज्जैन संसदीय क्षेत्र में उज्जैन जिले की सात और रतलाम जिले की आलोट विधानसभा शामिल है। इसमें आलोट विधानसभा सहित उज्जैन संसदीय क्षेत्र में 23 अप्रैल 2024 की स्थिति में 1772734 मतदाता हैं। 907231 पुरुष, 891395 महिलाएं एवं 78 अन्य शामिल हैं। उज्जैन के मतदाताओं जेंडर रेशों 984 है। सर्विस वोटर की संख्या 1535 हैं।